13 फरवरी को मनाया जाता है विश्व रेडियो दिवस: सीजेएम पवन कुमार
विश्व रेडियो दिवस : एक अवसर, एक उद्देश्य
भिवानी , (ब्यूरो): जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के चेयरमैन व जिला एवं सत्र न्यायाधीश देशराज चालिया के निर्देशानुसार तथा प्राधिकरण के सचिव कम सीजेएम पवन कुमार के मार्गदर्शन में पेनल अधिवक्ता अनुराधा खनगवाल ने रेडियो दिवस पर विस्तार से जानकारी दी। प्राधिकरण के सचिव कम सीजेएम पवन कुमार ने बताया कि विश्व रेडियो दिवस हर साल 13 फरवरी को मनाया जाता है, जो रेडियो के महत्त्व को बढ़ावा देने और इसके माध्यम से लोगों के जीवन में संचार के क्षेत्र में महत्वपूर्ण योगदान को सम्मानित करने का एक अवसर है। इस बार वर्ल्ड रेडियो डे 2025 की थीम- रेडियो और जलवायु परिवर्तन” है। रेडियो न केवल मनोरंजन का एक साधन है, बल्कि यह समाज में सूचना के प्रसार और विभिन्न मुद्दों पर जन जागरूकता फैलाने का सबसे सशक्त माध्यम भी है। रेडियो की आवाज़ अब भी दूर-दराज के गांवों और क्षेत्रों में लोगों तक पहुँचने का सबसे प्रभावी तरीका बनी हुई है। भले ही मोबाइल फोन और इंटरनेट के माध्यम से सूचना का आदान-प्रदान तेजी से बढ़ा हो, लेकिन रेडियो की लोकप्रियता आज भी बनी हुई है। पेनल अधिवक्ता अनुराधा खनगवाल ने बताया कि विश्व रेडियो दिवस की घोषणा 2011 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा की गई थी और 2012 में इसे आधिकारिक रूप से मनाने की शुरुआत हुई। यह दिन रेडियो के द्वारा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को बढ़ावा देने और समाज में संवाद के नए रास्ते खोलने का प्रतीक है। 13 फरवरी को ही संयुक्त राष्ट्र द्वारा रेडियो के अंतर्राष्ट्रीय प्रसारण सेवा की स्थापना की वर्षगांठ भी है, जो 1946 में इस दिन शुरू हुई थी। उन्होंने बताया कि रेडियो ने हमेशा समाज के विभिन्न वर्गों के बीच पुल का कार्य किया है। यह माध्यम न केवल सूचना देता है, बल्कि यह सामाजिक, सांस्कृतिक और शैक्षिक पहलुओं को भी बढ़ावा देता है। उन्होंने बताया कि इस दिन का उद्देश्य रेडियो के माध्यम से लोगों तक आवश्यक जानकारी पहुँचाना, समाज में सकारात्मक बदलाव लाना और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को बढ़ावा देना है। हालांकि, आज के डिजिटल युग में सोशल मीडिया और मोबाइल ऐप्स ने रेडियो के स्थान को कुछ हद तक चुनौती दी है, फिर भी रेडियो का महत्व कम नहीं हुआ है। खासकर ग्रामीण और पिछड़े क्षेत्रों में रेडियो के माध्यम से लोग हर महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त करते हैं, चाहे वह स्वास्थ्य से संबंधित हो, शिक्षा से जुड़ी हो, या फिर सामाजिक मुद्दों पर हो। उन्होंने बताया कि विश्व रेडियो दिवस हमें याद दिलाता है कि रेडियो न केवल एक सूचना के माध्यम के रूप में कार्य करता है, बल्कि यह समाज में विविधता और समावेशिता का प्रचार भी करता है। रेडियो पर चर्चा, कार्यक्रम और संगीत कई बार समाज के नये विचारों को जन्म देते हैं और कई बार यह एक ऐसा मंच बन जाता है जहां समाज के विविध वर्गों की आवाज़ें सुनी जा सकती हैं। रेडियो के इस समावेशी और सूचनात्मक भूमिका ने इसे समाज में एक अद्वितीय स्थान दिलाया है। अनुराधा खनगवाल ने अंत में कहा कि यह दिन रेडियो के महत्व को समझने और उसकी शक्ति को सम्मान देने का दिन है, ताकि यह हमेशा लोगों के जीवन में अपनी अहम भूमिका निभाता रहे।