हरियाणा

विश्व एनीमिया दिवस पर कार्यशाला का आयोजन

12 से 14 ग्राम खून होना सामान्य, खून की कमी के महिलाओं में 60 प्रतिशत तथा पुरुषों में 30 प्रतिशत मामले : डा. राज महता

भिवानी , (ब्यूरो):  देश की महिलाओं ही नहीं, बल्कि पुरुषों में भी एनीमिया की बीमारी पाई जाती है। सामान्यतः: शरीर में रक्त की कमी को एनीमिया माना जाता है। देश की 50 प्रतिशत आबादी एनीमिया से पीड़ित है। अकेले हरियाणा में पांच वर्ष से छोटे बच्चों की 70 प्रतिशत के लगभग आबादी एनीमिया से जूझ रही है। यह बात इंडियन अकेडमी ऑफ पीडियाट्रिक्स के महासचिव डा. राज महता व डा. आयुष अग्रवाल ने विश्व एनीमिया दिवस पर आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान कही।  उन्होंने बताया कि विश्व एनीमिया दिवस पर जिला के विभिन्न स्कूलों में जाकर उन्होंने स्कूली छात्राओं को जागरूक किया है, ताकि एनीमिया से बचा जा सकें। एक सामान्य स्वस्थ व्यक्ति में 12 से 14 ग्राम रक्त होना चाहिए। हरियाणा में 10 से 19 वर्ष की 60 प्रतिशत लड़कियों में रक्त की कमी पाई गई है। जबकि लडक़ों में रक्त की कमी 30 प्रतिशत पाई गई है। गर्भवती महिलाओं में प्रदेश में यह आंकड़ा 60 से 70 प्रतिशत है। इस बीमारी के चलते बच्चा थका हुआ, कमजोर महसूस करेगा। इसके साथ ही दिल की धडक़न बढऩा, उठते-बैठते चक्कर आना, त्वचा का पीला पडऩा, हथेलियों व तलवों का ठंडा पडऩा जैसे लक्षण होते है। जो अन्य बीमारियों को भी अपनी तरफ आकर्षित करते हैं। विश्व एनीमिया दिवस पर उन्होंने बताया कि इस बीमारी से बचने के लिए पौषक भोजन लेना चाहिए। एनीमिया की कमी में मुख्य तौर पर एनीमिया के 70 से 80 प्रतिशत केस आयरन की कमी से होती है, जबकि बाकी केस विटामिन बी-12 व फोलिक एसिड की कमी से होते है। ऐसे में जंक फूड को छोडक़र पोषक आहार अपनाना चाहिए, जिसमें हरी पत्तेदार सब्जियां, साबुत दालें, गेहूं व मिलिट्स का अत्याधिक प्रयोग कर एनीमिया से बचा जा सकता है। उन्होंने विश्व एनीमिया दिवस पर आमजन से अपील की है कि वे स्वाद के पीछे ना भागकर पोषक भोजन ले, ताकि एनीमिया ही नहीं, बल्कि विभिन्न बीमारियों से बचा जा सकें। उन्होंने बताया कि हमारे शरीर के बीमारी से लड़ने वाले सैनिकों को लडऩे के लिए लोहे की आवश्यकता होती है, जो आयरन की पूर्ति करके की जाती है। ऐसे में इम्यूनिटी को बेहतर रखने के लिए रक्त की पूर्ति होना जरूरी है।

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