न्यूज़ डेस्क बिहार । सारण । संवाददाता । एक समय था, जब बेटियों को बोझ माना जाता था, क्योंकि बेटी होना यानी मान-बाप के माथे पर खर्चा बढ़ना। बेटी को पढ़ाओ-लिखाओ और उसके बाद दहेज़ में लाखों रुपए देकर दूसरे घर भेज दो। खासकर बिहार, जहां दहेज़ प्रथा dowry system काफी आम है, वहां बेटी का जन्म होते ही मां-बाप की चिंता बढ़ जाती है। उस बिहार में एक शख्स आज अपनी सात बेटियों की वजह से राजा की तरह रह रह रहा है। उसकी सात बेटियां हैं और सभी की सभी पुलिस में है।
हम बात कर रहे हैं बिहार के सारण जिले में रहने वाले राजकुमार सिंह की। राजकुमार की सात बेटियां और एक बेटा है। जब राजकुमार की सात बेटियां हुई थी, तब उनके घर के आसपास के लोग उन्हें काफी ताने मारते थे। इतनी सारी बेटियों की शादी में राजकुमार की सारी जमापूंजी खर्च हो जाएगी, इस बात की चिंता उसके सारे रिश्तेदारों को थी, लेकिन ये चिंता तानों के रुप में राजकुमार को झेलनी पड़ती थी, लेकिन आज वही लोग राजकुमार के घर की मिसाल देते फिर रहे हैं।
सातों बहनें बनी पुलिस ऑफिसर
बिहार के सारण जिले में एक छोटे से गांव में रहते हैं राजकुमार सिंह। आटा चक्की चलाकर राजकुमार अपने घर का पालन-पोषण करते थे। एक समय था जब राजकुमार अपने आठ बच्चों के साथ एक कमरे वाले घर में रहते थे। आसपास के लोग सात बेटियों का ताना देते थे, लेकिन आज उनकी सारी बेटियां पुलिस में है। इन बेटियों ने अपने पिता के लिए दो घर बनवा दिए हैं। जो शख्स कभी इस चिंता में था कि उसकी बेटियों का भविष्य जाने कैसा होगा, वो बेटियां आज अपने पिता का भविष्य मजबूत कर चुकी हैं।