राष्ट्रीय न्यूज़ डेस्क । नई दिल्ली । पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव हो रहे हैं। लेकिन इनमें इंडिया गठबंधन काम नहीं कर रहा है। इन चुनावों के नतीजे गठबंधन के भविष्य की भूमिका जरूर तय कर सकते हैं। लाभ हानि के गणित को देखते हुए यह गठबंधन परवान चढ़ सकता है।
राजनीतिक जानकर बताते हैं कि कांग्रेस का पांच चुनावी राज्यों में जैसा प्रदर्शन होगा, उसी के अनुरूप उत्तर प्रदेश में गठबंधन की सीटें तय होंगी। मध्य प्रदेश में समाजवादी पार्टी कांग्रेस के साथ मिलकर चुनाव लड़ने की तैयारी में थी। किंतु कांग्रेस ने यहां पर उन्हें एक भी सीट नहीं दी। मध्य प्रदेश में कांग्रेस की सपा से बेरुखी का असर भी कांग्रेस को उत्तर प्रदेश में देखने को मिल सकता है। मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में सपा कांग्रेस के साथ गठबंधन चाहती थी, किंतु कांग्रेस ने उसे यहां एक भी सीट नहीं दी। इसके बाद समाजवादी पार्टी ने यहां 69 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे हैं।
राजनीतिक विश्लेषक अमोदकांत मिश्रा कहते हैं कि विपक्षी एकता के लिए बने गठबंधन में फूट साफ दिखाई दे रही है। सहयोगी दल विधानसभा चुनाव में अलग अलग लड़ते नजर आ रहे सपा के बाद जदयू ने भी मध्य प्रदेश में अपने उम्मीदवार उतार कर इंडिया गठबंधन के भविष्य पर खतरा पैदा किया है।