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हरियाणा में वार्षिक परीक्षा में 5वीं और 8वीं कक्षा के विद्यार्थियों को फेल कर सकेंगे टीचर, ये है बड़ी वजह

चंडीगढ़: हरियाणा के स्कूलों में 5वीं और 8वीं कक्षा के लिए साल के अंत में होने वाली नियमित परीक्षाओं में विद्यार्थी को टीचर अब फेल कर सकेंगे। फेल हुए विद्यार्थी को दो माह के भीतर पेपर देना होगा। अगर उस पेपर में वह पास होता है तो उसे अगली कक्षा में दाखिला मिलेगा नहीं तो उसे पिछली कक्षा में ही बैठना होगा। शिक्षा मंत्रालय ने यह बदलाव देश भर में पांचवीं और आठवीं कक्षा के छात्रों के लिए किए है।

पहले शिक्षा के अधिकार अधिनियम के तहत 8वीं तक किसी भी छात्र को फेल करने का प्रावधान नहीं था, लेकिन छात्र की रिजल्ट में कमजोर स्थिति होती थी तो उसको उसी कक्षा में कुछ समय के लिए होल्ड कर लिया जाता था और दोबारा एग्जाम लेकर उसे अगली कक्षा में भेज दिया जाता था, लेकिन होल्ड करने के लिए भी छात्र के अभिभावक की सहमति अनिवार्य होती थी। नए नियमों को लेकर भारत सरकार की तरफ से गजट नोटिफिकेशन जारी कर दिया गया है। नोटिफिकेशन के मुताबिक, यह नियम बीती 16 दिसंबर से पूरे देश में लागू हो चुके है।

नोटिफिकेशन के मुताबिक, यदि छात्र पुन: परीक्षा में भी सफल नहीं होते, तो उन्हें उसी कक्षा में रोक दिया जाएगा। इस दौरान छात्र को सुधारने के लिए शिक्षकों की ओर से विशेष मार्गदर्शन दिया जाएगा। शिक्षक न केवल छात्र के प्रदर्शन पर ध्यान देंगे, बल्कि उनके माता-पिता को भी आवश्यक सहायता प्रदान करेंगे। शिक्षक छात्रों की परफोर्मेंस का आंकलन करेंगे और उनकी सीखने की कमी को दूर करने के लिए विशेषज्ञीय इनपुट प्रदान करेंगे। स्कूल के प्रधानाध्यापक ऐसे छात्रों की सूची बनाएंगे और उनके विकास की नियमित रूप से निगरानी करेंगे।

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