वैष्णवी की मौत का पछतावा है? दहेज लोभी ससुर से पत्रकार ने पूछा, जबाव सुन चौंक जाएंगे आप

वैष्णवी हगवणे मौत मामले ने पूरे महाराष्ट्र को हिलाकर रख दिया है. इस मामले में फरार चल रहे राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (अजित पवार गुट) के पूर्व तालुका अध्यक्ष राजेंद्र हगवणे और उनके बेटे सुशील हगवणे को पुलिस ने आखिरकार स्वारगेट इलाके से गिरफ्तार कर लिया. वैष्णवी की आत्महत्या के बाद परिजनों ने उसके ससुराल वालों पर दहेज उत्पीड़न और आत्महत्या के लिए उकसाने के गंभीर आरोप लगाए थे. इस मामले में वैष्णवी के पति शशांक, सास लता और देवर करिश्मा को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है. इस बीच राजेंद्र की गिरफ्तारी के बाद एक सवाल पूछा गया, जिस पर उसकी प्रतिक्रिया से सभी लोग हैरान रह गए.
बता दें कि वैष्णवी हगवणे ने मुलशी स्थित अपने ससुराल में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी. इसके बाद उनके पिता अनिल कासपाटे ने शिकायत दर्ज कराई. इस शिकायत में उन्होंने आरोप लगाया कि पति शशांक, सास लता, ननद करिश्मा, ससुर राजेंद्र और सुशील ने उनकी बेटी को मानसिक और शारीरिक रूप से प्रताड़ित किया. परिवार का कहना था कि शादी में 51 तोला सोना, एक फॉर्च्यूनर कार और चांदी के बर्तन देने के बावजूद ससुराल वालों ने 2 करोड़ रुपए की मांग की. वैष्णवी के शरीर पर चोट के निशान पाए गए हैं. इसलिए यह मामला आत्महत्या है या हत्या, इसकी जांच अभी भी जारी है.
राजेंद्र और सुशील सात दिनों तक फरार रहे. गिरफ्तारी से पहले उन्हें सीसीटीवी फुटेज में एक होटल में मटन खाते हुए देखा गया था, जिससे लोगों में काफी आक्रोश फैल गया था. पुलिस की छह टीमों ने गहन जांच की और उन्हें स्वारगेट इलाके से गिरफ्तार कर लिया. यह गिरफ्तारी बावधान पुलिस के लिए एक बड़ी सफलता थी.
पत्रकारों के सवालों पर भड़क गया राजेंद्र
गिरफ्तारी के बाद पत्रकारों ने राजेंद्र से पूछा, हगावने, क्या तुम्हें पश्चाताप हो रहा है? राजेंद्र ने बिना कोई खेद प्रकट किए, बड़ी जोरदार प्रतिक्रिया दी. राजेंद्र हगवाने ने हाथ हिलाते हुए अहंकारपूर्ण तरीके से मना कर दिया. उसके व्यवहार से उसके प्रति गुस्सा और बढ़ गया. पत्रकारों के सवालों का सामना करते समय उसका अहंकार स्पष्ट दिखाई दिया, जिसकी सोशल मीडिया पर भी आलोचना हो रही है.
राजेंद्र हगवणे राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (अजित पवार गुट) का तालुका अध्यक्ष था, लेकिन इस घटना के बाद अजित पवार ने उसे और सुशील को पार्टी से निकाल दिया. सुप्रिया सुले ने भी निष्पक्ष जांच की मांग की, जबकि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का आश्वासन दिया है. महाराष्ट्र महिला आयोग के हस्तक्षेप से वैष्णवी के 10 महीने के बच्चे को उसके मायके वालों को सौंप दिया गया है.