हरियाणा

पीएमओ के आदेश के बाद नहीं हुई एफआईआर दर्ज

पहले भी अस्पताल के खिलाफ दर्ज हैं कई मामले

भिवानी। सरकारी तौर पर भले ही चुस्त प्रशासनिक व्यवस्था के लाख दावे किए जाते हो, लेकिन हकीकत से सब कोसो दूर है। हुआ यू कि करीब पौने दो साल बीतने के बाद भी हंसावास कलां के रामनिवास पुत्र मातुराम को न्याय नहीं मिला। कारण क्या रहे, यह सब आसानी से समझा जा सकता है कि व्यवस्था लचर है और कोई कुछ करने की इच्छा शक्ति नहीं रखता। हंसावास कलां के रामनिवास ने 18 जुलाई 2023 को स्वास्थ्य विभाग को एक शिकायत दी थी कि रोहतक चौक स्थित एक नर्सिंग होम के चिकित्सक ने उसके साथ जालसाजी की है और मैडिकल बनाने की ऐवज में मोटी रकम वसूली है। इस पर एक मैडिकल नेगलीजेंसी कमेटी का गठन किया गया। प्रधान चिकित्सा अधिकारी की देखरेख में शिकायत की जांच शुरू हुई और 11 बार उक्त अस्पताल के निदेशक व मैडिकल रिपोर्ट बनाने वाले चिकित्सकों को जांच में शामिल होने के लिए बुलाया गया। लेकिन कोई उपस्थित नहीं हुआ और आखिरकार जांच को लटकाने का प्रयास देख स्वास्थ्य महानिदेशालय ने 25-26 अक्तूबर को सिविल सर्जन को पत्र लिखकर इस मामले में त्वरित कार्रवाई करने के निर्देश दिए। 23 के साथ-साथ 24 का पड़ाव भी अंतिम पड़ाव पर आ गया। लेकिन कार्रवाई शून्य रही। आखिरकार दो दिसंबर 2024 को प्रधान चिकित्सा अधिकारी उक्त अस्पताल के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए पुलिस अधीक्षक को पत्र लिखा और जांच कमेटी के सामने जो तथ्य आए, उन सभी से अवगत करवाया। इसके बावजूद भी उक्त आरोपी अस्पताल के संचालकों व मैडिकल रिपोर्ट बनाने वाले चिकित्सकों के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है। इससे पूर्व भी रोहतक चौक स्थित यह निजी अस्पताल एक महिला के दोनों घुटने बदलने के मामले में प्रकाश में आया था और उक्त महिला ने भी मैडिकल नेगीलीजेंसी कमेटी में शिकायत की थी। लेकिन उस पर भी आज तक कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है।

Related Articles

Back to top button