World

ईरान-सीरिया के बाद अब 82 प्रतिशत हिंदू वाले इस देश पर अमेरिका का एक्शन, निकाले जाएंगे 7500 नागरिक

अफगानिस्तान, ईरान, इराक, लीबिया, सोमालिया, सूडान, सीरिया और यमन जैसे मुस्लिम देशों के नागरिकों पर प्रतिबंध लगाने के बाद अमेरिका ने नेपाल को लेकर भी बड़ा फैसला किया है. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने नेपाल को मिले निर्वासन सुरक्षा को रद्द कर दिया है. इस फैसले के बाद अब 7500 नेपाली को अमेरिका तुरंत छोड़ना होगा.

न्यूजवीक की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी सरकार का कहना है कि नेपाल में अब 2015 जैसे हालात नहीं है, इसलिए उसके निर्वासन सुरक्षा को रद्द किया जा रहा है. नेपाल में भूकंप की वजह से तत्कालीन अमेरिकी सरकार ने नेपाल के नागरिकों को यह सुरक्षा प्रदान की थी.

निर्वासन सुरक्षा का मामला क्या है?

अमेरिका में इसे अस्थायी संरक्षित स्थिति यानी टीपीएस कहा जाता है. इसमें अमेरिका की सरकार उन लोगों को सुरक्षा की गारंटी देता है, जो अपने देश के खराब हालातों को देखते हुए अमेरिका में जाकर रहना चाहते हैं.

निर्वासन सुरक्षा के तहत दूसरे देश के लोगों को सिर्फ नौकरी करने का अधिकार है. यानी उन्हें नागरिकता नहीं मिलती है. हालांकि, ट्रंप के सत्ता में आते ही उन्होंने यह संकेत दे दिया था कि अब किसी भी देश को इस तरह की सुरक्षा नहीं दी जाएगी.

नेपाल के 7500 नागरिक टीपीएस के तहत अमेरिका में रहते हैं. इसके रद्द होने के बाद उन्हें तुरंत अपना मुल्क लौटना होगा. नहीं तो फिर जबरन उन्हें अमेरिका की सरकार वापस नेपाल भेज सकती है.

पिछले कार्यकाल में असफल रहे थे

डोनाल्ड ट्रंप 2017 में राष्ट्रपति बनने के बाद ही इसे खत्म करना चाहते थे, लेकिन आव्रजन विभाग ने इसका विरोध किया. ट्रंप आखिर तक इसके विरोध में लड़ते रहे, लेकिन सफल नहीं हो पाए. ट्रंप प्रशासन का कहना है कि नेपाल में अब स्थिति पहले जैसी नहीं है, इसलिए निर्वासन सुरक्षा का कोई अर्थ नहीं है.

12 देशों के लोगों पर बैन लगाया

अमेरिकी राष्ट्रपति ने दो दिन पहले ही 12 देशों के लोगों पर बैन लगाने का फैसला किया है. ट्रंप प्रशासन का कहना है कि इन देशों में आतंकवाद पनप रहा है. वहीं ट्रंप के फैसले पर अफगानिस्तान और म्यांमार जैसे देशों ने तो कोई रिएक्शन नहीं दिया है, लेकिन चाड ने जरूर इसके खिलाफ बड़ा फैसला किया है.

चाड ने अपने देश में अमेरिकी नागरिकों की एंट्री पर बैन लगाने का फैसला किया है. चाड के मुखिया का कहना है कि हम आत्मस्वाभिमान बेचकर अमेरिका से बात नहीं कर सकते हैं. चाड के राष्ट्रपति ने कतर से मिले गिफ्ट का भी जिक्र किया है.

Related Articles

Back to top button