‘साहब बहुत ज्यादा परेशान किया जा रहा था…’ फांसी लगाने से पहले होमगार्ड ने पुलिस अधिकारी के सामने बयां किया था दर्द
आगरा का प्रमोद कुमार… खुद पुलिस विभाग में होमगार्ड. कानून पर पूरा भरोसा, लेकिन उन्हें क्या मालूम था जिस खाकी पर प्रमोद यकीन करते हैं, उसी खाकीधारी पुलिस का दरोगा और इंस्पेक्टर उनके भाई और खुद उन्हीं के लिए काल बन जाएंगे. उन्हें इतना पीड़ित किया जाएगा कि वो ‘मौत का रास्ता’ अपना लेंगे.
जब प्रमोद का पुलिस से भरोसा टूटा तो वह बिखर गया. उन्होंने अपनी ‘मन’ की बात को कागज के टुकड़े पर लिखा, उसे अपने हाथ की कलाई पर बांधा और पेड़ की उसी टहनी से लटककर फांसी लगा ली जिस पर 72 घंटे पहले उन्हीं के भाई ने पुलिस के जुल्म से परेशान होकर सुसाइड की थी. प्रमोद ने मरने से पहले ‘कागज के टुकड़े’ पर अंतिम लाइनें जो लिखीं वो थी, ‘पुलिस से पंगा लेने की मैंने भूल की, कोई पुलिस के खिलाफ नहीं बोलना’
आरोपी दरोगा के खिलाफ मामला दर्ज
थाना बरहन निवासी प्रमोद कुमार और उनके छोटे भाई संजय ने हाथरस जिले की सादाबाद पुलिस के उत्पीड़न से तंग आकर आत्महत्या की थी. 72 घंटे के अंतराल में दोनों भाइयों ने एक ही स्थान पर फांसी लगाई थी. मृतकों के बहनोई जसवंत सिंह ने बरहन थाने में तहरीर देकर आरोपी दरोगा हरिओम अग्निहोत्री और सादाबाद थाना इंचार्ज के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है. पुलिस ने दोनों के खिलाफ धारा 306 के तहत मामला दर्ज किया है. इस मामले में पुलिस की लापरवाही सामने आ रही है.
पुलिस अधिकारी देते ध्यान तो बच जाता प्रमोद
प्रमोद कुमार ने सुसाइड करने से पहले एत्मादपुर विधायक के सामने पुलिस के अधिकारियों से अपनी शिकायत की थी. प्रमोद ने पुलिस अधिकारी से साफ कहा था कि ‘साहब बहुत ज्यादा परेशान किया जा रहा था, बहुत ज्यादा. वो तो वो चला गया, संग में मैं भी जा रहा था, ऐसे लटक कर’ लेकिन पुलिस के अधिकारियों ने प्रमोद की बात पर ध्यान नहीं दिया. अगर उसी वक्त मामले को गंभीरता से लिया जाता तो शायद प्रमोद की जान बच सकती थी. प्रमोद का पुलिस से यह बात कहते हुए वीडियो वायरल हो रहा है.
प्रमोद ने लिखा सुसाइड नोट
प्रमोद कुमार ने अपने भाई की मौत के 72 घंटे बाद फांसी लगाई थी. आत्महत्या से पहले प्रमोद ने एक सुसाइड नोट लिखा था. उन्होंने अपनी कलाई पर धागे की मदद से उस सुसाइड नोट को बांध दिया था. पुलिस ने नोट बरामद किया. उसमें लिखा था, ’13 ता. पुलिस ने हरिओम दरोगा ने उठाया. दो दिन 11-12 को हवालात में बंद किया. एक लाख हवालात के सामने मांगे गए. 10 हजार रुपये लेकर 13 को छोड़ा. ऑफिस में पैसा दिया. 50 हजार रुपये की मांग की. पुलिस व हरिओम दरोगा ने प्रताड़ित किया. संजय फांसी लगाकर मर गया. अब मुझमें क्षमता नहीं है. इसलिए आत्महत्या कर रहा हूं. मुझ पर फोन आ रहे हैं. आज ही बयान देने आ जाओ. मैंने कहा कल आऊंगा. नहीं आज ही आ जाओ. इसलिए मेरा दिमाग ठीक नहीं है. सरकार से प्रार्थना है कि मेरे परिवार की तरफ ध्यान दिया जाए. जय माता दी, जय श्री राम…. पुलिस से पंगा लेने की मैंने भूल की, कोई पुलिस के खिलाफ नहीं बोलना’
ये था पूरा मामला
प्रमोद कुमार होमगार्ड के पद पर आगरा के खंदौली थाने पर तैनात थे. परिजनों का कहना है कि सादाबाद पुलिस 10 जून को संजय को पकड़ कर ले गई. पुलिस का कहना था कि संजय का साला किसी लड़की को भगा ले गया है. इस मामले में पुलिस ने संजय को दो दिन हवालात में रखकर उसको टॉर्चर किया. दो दिन बाद संजय का शांतिभंग का मामला दर्ज कर उसे छोड़ दिया. उसे छोड़ने में दरोगा हरिओम ने 1 लाख रुपये की डिमांड की थी. आरोप है कि उस वक्त परिजनों ने 10 हजार रुपये देकर संजय को छुड़ा लिया था. दरोगा ने 90 हजार रुपये बकाया कर दिए थे. 13 जून को पुलिस प्रमोद को भी उठा ले गई. बाद में संजय ने 40 हजार रुपये और दरोगा को दिए. प्रमोद और संजय घर आ गए, लेकिन दरोगा हरिओम उनसे लगातार बकाया 50 हजार लेने का दबाव बना रहा था. संजय दरोगा के उत्पीड़न से तंग आ गया और उसने शनिवार को गांव के बाहर पेड़ पर फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली.
प्रमोद ने भी पुलिस से तंग होकर लगा ली फांसी
भाई प्रमोद कुमार होमगार्ड था, उन्हें लगा पुलिस उनके साथ इंसाफ करेगी. उन्होंने दरोगा के खिलाफ थाने पर भाई के साथ उए उत्पीड़न की तहरीर दी. पुलिस ने प्रमोद की शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं की. उल्टा उन्हें तंग किया जाने लगा. प्रमोद ने अपनी परेशानी स्थानीय विधायक को बताई. पुलिस के आधिकारियों से भी गुहार लगाई लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई. सोमवार को प्रमोद ने भी परेशान होकर फांसी लगा ली.