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एक दिन दिल्ली को पछतावा होगा… जम्मू-कश्मीर को लेकर ऐसा क्यों बोले फारूक अब्दुल्ला?

नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने एक बार फिर से जम्मू कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने की मांग को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने का अब समय आ गया है, केंद्र सरकार अपना वादा पूरा करे. उन्होंने यह कहा भी कि सरकार ने जम्मू कश्मीर को लेकर जो फैसले लिए हैं उनपर पछतावा होगा. अब्दुल्ला ने यह बात तब कही जब वो अनंतनाग वेस्ट के विधायक अब्दुल मजीद भट लारमी के नेतृत्व में पार्टी पदाधिकारियों के एक प्रतिनिधिमंडल के साथ बातचीत कर रहे थे.

प्रतिनिधिमंडल से बातचीत के दौरान अब्दुल्ला ने कहा कि इतिहास में केंद्र सरकार के पास कई बार ऐसा मौके थे जब वह जम्मू-कश्मीर के लोगों का दिल और समर्थन जीत सकता थी, लेकिन हर बार सुरक्षा को प्राथमिकता देने वाली नीति ने विश्वास बना सकने वाली संभावनाओं को पीछे छोड़ दिया. 2024 में जम्मू-कश्मीर में हुए विधानसभा चुनावों में जम्मू-कश्मीर के लोगों ने अहम भागीदारी निभाई, ये इस बात का सबूत है कि यहां के लोग भारत के संविधान और लोकतंत्र में गहरी आस्था रखते हैं.

केंद्र सरकार का वादा अधूरा- फारूक अब्दुल्ला

उन्होंने निराशा जताते हुए कहा कि जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने का सरकार का वादा अभी भी अधूरा है. अगस्त 2019 में लिए गए एकतरफा निर्णयों का उद्देश्य जम्मू-कश्मीर को शेष भारत के साथ बराबर लाना बताया गया था, लेकिन सच्चाई इसके बिल्कुल उलट देखने को मिली. एकीकरण के बदले हमारे साथ अपवाद की तरह बर्ताव किया जा रहा है, हमें जानबूझकर निचले पायदान पर धकेला जा रहा है. राज्य का दर्जा बहाल करने का जो वादा केंद्र सरकार ने किया था वो लोकतंत्र में जनता के भरोसे के लिए जरूरी है, लेकिन इसमें हो रही लगातार देरी से लोगों का विश्वास कमजोर पड़ता जा रहा है.

फारूक अब्दुल्ला ने बिना कोई देरी किए केंद्र सराकर से जम्मू-कश्मीर का पूर्ण राज्य का दर्जा बहाल करने की बात को कहते हुए कहा कि यह राजनीति की बात नहीं है, ये न्याय और समानता की बात है, जनता से किए हुए वादों की बात है. नेशनल कॉन्फ्रेंस जम्मू-कश्मीर के लोगों के अधिकारों और भलाई की रक्षा, राज्य का विशेष दर्जा और बाकि संवैधानिक गारंटियों को दोबारा से स्थापित करने कि लिए अपनी कोशिश करती रहेगी.

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