सुरजेवाला को प्रवीण अत्रेय ने दी नसीहत, बोले – AC में बैठकर वे बयानवीर ना बनें, मंडी में जाकर चैक करें खरीद प्रबंध
चंडीगढ़: कांग्रेस के राज्यसभा सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला की ओर से मंडियों में एमएसपी से कम दाम पर फसल खरीद किए जाने के आरोप लगाने के बाद अब हरियाणा के मुख्यमंत्री के प्रेस सचिव प्रवीण अत्रेय ने उन पर पलटवार किया है। अत्रेय ने सुरजेवाला पर पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस के नेता रणदीप सुरजेवाला एसी में बैठकर बयानवीर बनने की बजाए मंडियों में जाकर हरियाणा सरकार की ओर से फसल खरीद को लेकर किए गए प्रबंध देखें। इसके बाद उन्हें पूरी सच्चा खुद ही पता चल जाएगी।
पद संभालते ही सीएम ने दिया 2 हजार रुपए बोनस
प्रवीण अत्रेय ने कहा कि मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने पद संभालते ही पहला कार्य किसानों को कम वर्षा के कारण हुए नुक़सान की भरपाई के लिए 2000 रूपए प्रति एकड़ का बोनस देकर किया। अब तक प्रदेश में साढ़े 50 लाख मीट्रिक टन से ज्यादा का धान खरीदा गया है। इसके एवज में 11 हजार करोड़ रुपए से अधिक की राशि किसानों के खातों में ट्रांसफर की जा चुकी है।
पिछले साल से अधिक उपलब्ध कराई डीएपी
मुख्यमंत्री के प्रेस सचिव ने कहा कि इस साल 9 नवंबर तक प्रदेश में किसानों को 154000 मीट्रिक टन डीएपी उपलब्ध करवाया जा चुका है, जबकि पिछले साल इस समय तक 146000 मीट्रिक डीएपी की ही मांग थी। प्रवीण अत्रेय ने किसानों से कम उर्वरक का इस्तेमाल करते हुए पैनिक परचेज से बचने की भी अपील की।
सुरजेवाला ने लगाया था यह आरोप
बता दें कि कांग्रेस के नेता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने भारतीय जनता पार्टी पर प्रदेश में डीएपी उर्वरक की कमी का आरोप लगाते हुए कहा था कि यह संकट उर्वरक के कम आयात और कम स्टॉक के कारण उत्पन्न हुआ है। कांग्रेस नेता सुरजेवाला के दावों पर मुख्यमंत्री के प्रेस सचिव ने कहा कि सरकार ने पहले ही 2.38 लाख मीट्रिक टन डीएपी जारी कर दिया है, जो 24 सितंबर से 25 मार्च तक चलने रबी सीजन के लिए आवश्यक खेप है। उनके अनुसार, हरियाणा में कुल 3.48 लाख मीट्रिक टन डीएपी की जरूरत होती है।
आवश्यकता के अनुसार ट्रैक पर डीएपी की आपूर्ति
अत्रेय ने बताया कि हरियाणा में गेहूं की फसल का क्षेत्र करीब 24 लाख हेक्टेयर और सरसों की फसल का क्षेत्र करीब 10 लाख हेक्टेयर है। यह क्षेत्र अब तक उर्वरक की पर्याप्त आपूर्ति से समर्थित है। उन्होंने प्रदेश में डीएपी की आपूर्ति को पिछले साल की आवश्यकताओं के अनुसार पूरी तरह से ट्रैक पर बताया है। उन्होंने बताया कि पिछले रबी सीजन में प्रदेश में 2,29,086 मीट्रिक टन डीएपी की खपत हुई थी। इसमें से 7 नवंबर तक हरियाणा को 1,71,002 मीट्रिक टन डीएपी मिल चुका है।