हरियाणा

सरसों ने छुड़ाए किसानों के पसीने; मंडी के बाहर घंटों तक लाइनों में लगे किसान, पानी तक नहीं हो रहा नसीब

हरियाणा में सरसों की सरकारी खरीद 26 मार्च से शुरू हो गई है। वहीं खरीद के दौरान किसानों को अपने फसल बचने के लिए खासी मशक्कत करनी पड़ रहा है।

चरखी दादरी (पूनात श्योरण)हरियाणा में सरसों की सरकारी खरीद 26 मार्च से शुरू हो गई है। वहीं खरीद के दौरान किसानों को अपने फसल बचने के लिए खासी मशक्कत करनी पड़ रहा है। अल सुबह से फसल कटाइ बीच में छोड़कर अनाजमंडी में अपनी फसल लेकर पहुंचे किसानों को घंटों लाइनों में लगने के बाद भी उनकी सरसों की खरीद नहीं हो रही है। सरसों लेकर मंडी में पहुंचे किसानों का दर्द छलकता साफ दिखाई दे रहा है। किसानों का कहना है कि वे ऐसी मजधार के बीच फंसे हैं कि वे अपनी फसलों की कटाई करें या फिर फसल बचने के लिए मंडियों के चक्कर काटें।

मंडी में जहां खरीद को लेकर प्रशासन के दावे हवाई साबित हो रहे हैं, वहीं किसानों को पीने का पानी तक नसीब नहीं हो रहा है।कैमरे खराब पड़े हैं तो किसानों को रेस्ट करने के लिए जगह तक नहीं मिल पा रही है। ऐसे में किसानों को अपनी फसल बेचने के लिए दौड़-धूप करनी पड़ रही है।

घंटों से लाइनों में खरीद का कर रहे इंतजार

चरखी दादरी की अनाज मंडी में सरसों लेकर पहुंचे किसान रविंद्र, रमेश कुमार व रोहतास सिंह ने अपना दर्द बयां करते हुए बताया कि फसल कटाई का सीजन चल रहा है। वो अपनी फसल की कटाई करें या फिर घंटों लाइनों में खरीद का इंतजार करें। यहां तक कि उन्हें पानी भी नसीब नहीं हो रहा है और खरीद के पानी पी रहे हैं।

5 हजार क्विंटल सरसों की हो चुकी आवक

वहीं मार्केट कमेटी के सचिव परमजीत नांदल का कहना है कि खरीद को लेकर पुख्ता प्रबंध किए गए हैं। मंडी में पानी खत्म होने पर दोबारा प्याऊ में भरा जाता है और लाइनों में लगे किसानों के लिए पुलिस व्यवस्था की गई है। अब तक करीब 75 हजार क्विंटल सरसों की आवक हो चुकी है और 10 हजार खरीद की गई है।

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