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विनाशकारी भूकंप से नेपाल में 130 से ज्यादा लोगों की मौत; मकान के मकान खण्डहरों में तब्दील

दिल्ली-एनसीआर, यूपी-बिहार में भी जलजले से सहमे लोग

अन्तर्राष्ट्रीय न्यूज़ डेस्क । नई दिल्ली। एजेन्सी । भारत का पड़ोसी देश नेपाल एक बार फिर भूकंप की चपेट में हैं। भारत और चीन के बीच स्थित देश नेपाल के जजरकोट के नजदीक शुक्रवार रात विनाशकारी भूकंप आया है। रिक्टर स्केल पर भूकंप की अधिकतम तीव्रता 6.4 मापी गई। इस भूकंप ने मकान के मकान मिट्टी में मिला दिए। भूकंप के चलते 130 से ज्यादा लोगों की मौत हो गई है, जबकि सैकड़ों लोग घायल हुए हैं। जिन्हें अस्पतालों में इलाज के लिए एड्मिट कराया जा रहा है। अस्पतालों को हाई अलर्ट पर रखा गया है। वहीं मलबों में सर्च अभियान अभी भी जारी है। बताया जा रहा है कि, कुछ लोग अभी भी शायद दबे हो सकते हैं। साथ ही यह भी आशंका जताई जा रही है कि मरने वालों की संख्या में इजाफा हो सकता है।

नेपाल के पीएम दौरे पर निकले

भूकंप से सबसे ज्यादा प्रभावित जजरकोट हुआ है। नेपाल के पीएम पुष्प कमल दहल ‘प्रचंड’ आज सुबह से ही डॉक्टरों और सहायता सामग्री के साथ जजरकोट सहित अन्य भूकंप प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर रहे हैं। पीएम के आदेश पर पीड़ितों को हर संभाव सहायता दी जा रही है। भूकंप आने के बाद तत्काल ही प्रशासनिक टीमों ने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया था। इसके साथ ही सेना को घायलों को एयरलिफ्ट करने की सुविधा के लिए तैयार रहने को कहा गया था। घायलों को फटाफट अस्पताल ले जाया जा रहा था।

पीएम मोदी ने दुख व्यक्त किया

वहीं अपने देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नेपाल में भूकंप के कारण हुई जान-माल की हानि पर दुख व्यक्त किया है। पीएम मोदी ने ट्वीट कर लिखा- भारत नेपाल के लोगों के साथ एकजुटता से खड़ा है और हर संभव सहायता देने के लिए तैयार है। हमारी संवेदनाएं शोक संतप्त परिवारों के साथ हैं और हम घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना करते हैं.

नेपाल के भूकंप का असर भारत में भी

बता दें कि, शुक्रवार रात 11.30 बजे के करीब नेपाल में भूकंप आया। इस भूकंप से जहां नेपाल में तबाही आई तो वहीं भारत में भूकंप के झटके महसूस किए गए। यूपी से लेकर दिल्ली तक भूकंप का असर दिखा। खासकर नेपाल सीमा से नजदीक होने के कारण पूर्वी यूपी में भूकंप का असर काफी देखा गया। लोग घरों से बाहर निकल आए।

2015 में नेपाल में मारे गए थे 9,000 लोग

नेपाल एक ऐसा देश है जो कि अक्सर भूकंप से प्रभावित होता रहता है। अब तक यह देश इस प्राकृतिक आपदा की चपेट में आकर अपना बहुत नुकसान कर चुका है। न जाने कितने लोग मारे जा चुके हैं, कितने घर उजड़ गए। इसके साथ ही जो सार्वजनिक नुकसान हुआ सो अलग। मालूम रहे कि, नेपाल में सबसे घातक भूकंप 2015 में आया था जब लगभग 9,000 लोग मारे गए थे।

क्यों आता है भूकंप?

बताया जाता है कि, धरती की अंदरूनी संरचना में टैक्‍टोनिक प्लेट्स (सरल भाषा में चट्टानें) मौजूद हैं। ये प्लेट्स लगातार हलचल करती रहती हैं। इस बीच जब यह इधर से उधर खिसकती हैं, टकराती हैं या टूटती हैं तो फिर तेज एनर्जी निकलती है और इससे धरती में कंपन पैदा होता है और इसे ही भूकंप कहते हैं। यानि धरती ऊपर से जितनी शांत है उतनी इसकी अंदरूनी सतह में हलचल चल रही है।

भूकंप आने पर क्या करें?

भूकंप आने के दौरान अगर आप घर या फ्लैट में हैं तो कोशिश करें कि खुली जगह पर आ जाएं। खासकर फ्लैट में मौजूद लोग जल्द से जल्द बाहर जरूर निकलें। क्योंकि फ्लैट की इमारतें काफी ऊंची होती हैं। ऐसे में इनके गिरने का खतरा ज्यादा रहता है। वहीं भूकंप के चलते यदि आप बाहर खुली जगह पर आते हैं तो यहां भी आप यह सुनिक्षित करें कि आप किसी बिल्डिंग, पेड़ और बिजली के तारों या खम्भों के नजदीक तो नहीं है। इनसे दूरी बनाकर रखें। आप बिलकुल खाली जमीन को तलाश कर वहां पहुंच जाएं।

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