जातिगत जनगणना हिंदुस्तान का एक्स-रे, इसलिए भाजपा के लोग नहीं कराना चाहते: राहुल गांधी
कांग्रेस-सपा गठबंधन के प्रत्याशी दानिश अली के समर्थन में कांग्रेस नेता राहुल गांधी और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान राहुल और अखिलेश के निशाने पर भाजपा सरकार रही है। राहुल गांधी ने बेरोजगारी और जनगणना पर सरकार को घेरा।
कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने शनिवार को कहा कि गठबंधन की सरकार बनने पर युवाओं, किसानों और महिलाओं के विकास के लिए रोड मैप तैयार किया जायेगा जबकि दूसरी ओर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) सामाजिक न्याय के लिये जरुरी जातिगत जनगणना करवाने से बचती है। कांग्रेस-सपा गठबंधन के प्रत्याशी दानिश अली के समर्थन में कांग्रेस नेता राहुल गांधी और सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने जनसभा को संबोधित किया। इस दौरान राहुल और अखिलेश के निशाने पर भाजपा सरकार रही है। राहुल गांधी ने बेरोजगारी और जनगणना पर सरकार को घेरा।
90 अफसर ही सरकार चलाते हैं… राहुल गांधी
लोकसभा चुनाव के दूसरे चरण के 26 अप्रैल को होने वाले मतदान के लिए सपा-कांग्रेस गठबंधन प्रत्याशी कुंवर दानिश अली के समर्थन में जनसभा को संबोधित करते हुये गांधी ने कहा कि आज़ देश में असमानता बढ़ रही है, क्योंकि 22 लोगों के पास 70 करोड़ लोगों के बराबर धन है। दो हिंदुस्तान बन गए हैं। 20-25 अरबपति जो भी सपना देखते हैं उसे पूरा कर लेते हैं क्योंकि सरकार उनके लिए काम करती है। राहुल गांधी ने जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि देश में 90 अफसर ही सरकार को चलाते हैं। देश के पूरे बजट का निर्णय यही अफसर लेते हैं। लेकिन इन 90 अफसरों में से सिर्फ 3 अफसर OBC वर्ग के हैं। अगर हिंदुस्तान की सरकार 100 रुपए खर्च करती है, तो OBC अफसर 5 रुपए का निर्णय लेते हैं। देश में OBC, दलित और आदिवासी वर्ग की आबादी 73% है, लेकिन ये 73% लोग पूरे बजट में मात्र 6 रुपए 10 पैसे का निर्णय लेते हैं, यह अन्याय है।
देश में ओबीसी, दलित और आदिवासी कितने हैं, किसी को नहीं पता
उन्होंने कहा कि जातिगत जनगणना हिंदुस्तान का एक्स-रे है, क्योंकि तभी पता चलेगा कि देश में किस वर्ग के कितने लोग हैं, लेकिन जब मैंने जातिगत जनगणना की बात की तो नरेंद्र मोदी और BJP के लोग विरोध में आ गए। हमारी सरकार आते ही हम जातिगत जनगणना कराएंगे, ताकि सबको पता चले कि देश में किसकी-कितनी भागीदारी है, देश में OBC, दलित, आदिवासी और अल्पसंख्यक वर्ग की आबादी कितनी है.. किसी को नहीं पता। क्योंकि सरकार नहीं चाहती कि आपको पता चले कि देश में आपकी भागीदारी कितनी है।
बड़ी कंपनियों में पिछड़े वर्ग के लोगों को नहीं मिलती नौकरी
गांधी ने कहा कि हिंदुस्तान की सबसे बड़ी 200 कंपनियों, मीडिया कंपनियों के मालिकों की लिस्ट में पिछड़े, आदिवासी, दलित और अल्पसंख्यक वर्ग के लोग नहीं मिलेंगे। लेकिन सरकार पिछड़े, आदिवासी, दलित, अल्पसंख्यक और सामान्य वर्ग के लोगों से पैसे लेकर चंद अरबपतियों के जेब में डालती है। देश के अरबपतियों के बेटे जॉब मार्केट में जाने से पहले अप्रेंटिसशिप करते हैं और फिर वह स्थायी नौकरी में जाते हैं। मगर ये सुविधा देश के बेरोजगार युवाओं को कभी नहीं मिली। इसलिए हम एक नई योजना लाए हैं- ‘पहली नौकरी पक्की। इसमें हम हिंदुस्तान के सभी ग्रेजुएट, डिप्लोमा धारक को अप्रेंटिसशिप का अधिकार देने जा रहे हैं। एक साल आपकी ट्रेनिंग सरकारी ऑफिस, प्राइवेट कंपनियों और पब्लिक सेक्टर में होगी और आपको 1 लाख रुपए मिलेंगे।