माइक्रोवेव में बिना हीटर के कैसे गरम होता है खाना? जानें इसका विज्ञान

क्या आपने कभी सोचा है कि माइक्रोवेव बिना हीटर या आग के कुछ ही सेकंड में खाना गर्म कैसे कर देता है? दिखने में तो यह किसी जादू से कम नहीं लगता, लेकिन इसके पीछे छिपी तकनीक वाकई कमाल की है. माइक्रोवेव की यह टेक्नोलॉजी उस पुराने विचार को गलत साबित करती है कि खाना सिर्फ आग या हीटर की गर्मी से ही पक सकता है. सच कहें तो यह किचन का सबसे समझदार और उपयोगी उपकरण है. आइए जानते हैं, आखिर माइक्रोवेव कैसे करता है ये जादू.
इलेक्ट्रोमैग्नेटिक वेव्स का कमाल
दरअसल, माइक्रोवेव कोई मशीन का नाम नहीं, बल्कि एक तरह की इलेक्ट्रोमैग्नेटिक वेव होती है. जैसे रेडियो या मोबाइल सिग्नल. आपके ओवन में यह वेव्स पैदा होती हैं एक खास पार्ट से, जिसे मैग्नेट्रॉन (Magnetron) कहा जाता है. यह बिजली को माइक्रोवेव तरंगों में बदल देता है, जो ओवन के अंदर चारों तरफ फैल जाती हैं. ये वेव्स जब खाने से टकराती हैं, तो उसमें मौजूद पानी, फैट और शुगर के अणु तेजी से हिलने लगते हैं. इन अणुओं की यह तेज गति गर्मी पैदा करती है, जिससे खाना भीतर ही भीतर गर्म होने लगता है. इसीलिए कुछ ही सेकंड में खाना गरम और ताज़ा हो जाता है. बिना किसी आग या हीटर के.
बाहर नहीं, अंदर से गरम होता है खाना
हीटर या गैस चूल्हे पर खाना हमेशा बाहर से अंदर की ओर गरम होता है, लेकिन माइक्रोवेव इसका उल्टा करता है. ये वेव्स खाने के अंदर तक पहुंचकर तापमान बढ़ाती हैं. यही वजह है कि माइक्रोवेव में खाना तेजी से और समान रूप से गरम होता है, और जलने की संभावना बहुत कम रहती है.
सुरक्षा और स्मार्ट फीचर्स
माइक्रोवेव का डिजाइन इस तरह से बनाया गया है कि वेव्स ओवन के अंदर ही सीमित रहें. इसका मेटल बॉडी और दरवाजे पर लगी जाली वेव्स को बाहर निकलने नहीं देती. यह तभी काम करता है जब दरवाजा पूरी तरह बंद हो, जिससे इसकी सुरक्षा सुनिश्चित होती है. आज के मॉडर्न माइक्रोवेव ओवन सेंसर और ऑटो-कुक फीचर के साथ आते हैं, जो खुद तय कर लेते हैं कि किस डिश को कितनी देर और किस तापमान पर गरम करना है. यही वजह है कि माइक्रोवेव न सिर्फ सुरक्षित बल्कि बिजली बचाने वाला स्मार्ट कुकिंग उपकरण बन गया है.




