दिल्ली

भारतीय रेलवे ने अक्टूबर 2023 तक 887.24 मीट्रिक टन माल की ढुलाई की

"हंगरी फॉर कार्गो" मंत्र का पालन करते हुए, भारतीय रेलवे ने व्यापार करने में आसानी के साथ-साथ प्रतिस्पर्धी कीमतों पर सेवा देने में सुधार के लिए निरंतर प्रयास किया है

राष्ट्रीय न्यूज़ डेस्क। नई दिल्ली। विवेक भाटिया। माल ढुलाई में पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में 31.6 मीट्रिक टन की वृद्धि

रेलवे ने अप्रैल-अक्टूबर 2023 के दौरान माल ढुलाई से 95929.30 करोड़ रुपये अर्जित किए

पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में, माल ढुलाई आय में 3584.03 करोड़ रुपये की वृद्धि दर्ज की गई

रेलवे ने अक्टूबर 2023 में 129.03 मिलियन टन की माल ढुलाई की – पिछले वर्ष की इसी अवधि के लिए माल ढुलाई की तुलना में 8.47प्रतिशत का सुधार दर्ज किया गया ।

अप्रैल-अक्टूबर 2023 से संचयी आधार पर, भारतीय रेलवे द्वारा 887.25 मीट्रिक टन की माल ढुलाई हासिल की गई, जबकि पिछले साल की माल ढुलाई 855.64 मीट्रिक टन थी। यह पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में लगभग 31.61 मीट्रिक टन का सुधार है। रेलवे ने पिछले वर्ष की तुलना में 92345.27 करोड़ रुपये की तुलना में 95929.30 करोड़ रुपये अर्जित किए हैं, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि की तुलना में लगभग 3584.03 करोड़ रुपये अधिक हैं।

अक्टूबर 2023 के दौरान, अक्टूबर 2022 में 118.95 मीट्रिक टन के लदान की तुलना में, 129.03 मीट्रिक टन की प्रारंभिक माल ढुलाई की गई, जो पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 8.47 प्रतिशत का सुधार है। अक्टूबर 2022 में 13353.81 करोड़ रुपये की माल ढुलाई आय की तुलना में, अक्टूबर 2023 में 14231.05 करोड़ रुपये का माल ढुलाई राजस्व हासिल किया गया है। यह पिछले वर्ष की तुलना में लगभग 6.57 प्रतिशत का सुधार है।

भारतीय रेल ने, अक्टूबर 2023 के दौरान, कोयला 64.82 मिलियन टन, लौह अयस्क 14.81 मिलियन टन, कच्‍चा लोहा और फिनिश्ड स्टील 5.74 मिलियन टन, सीमेंट (इएक्‍ससीएल़. क्लिंकर) 6.32 मिलियन टन , क्लिंकर 4.77 मिलियन टन , खाद्यान्न 3.62 मिलियन टन, उर्वरक 5.72 मिलियन टन, खनिज तेल 4.35 मिलियन टन, कंटेनर 7.15 मिलियन टन और शेष अन्य वस्तुओं में 8.55 मिलियन टन माल ढुलाई की।

“हंगरी फॉर कार्गो” मंत्र का पालन करते हुए, भारतीय रेलवे ने व्यापार करने में आसानी के साथ-साथ प्रतिस्पर्धी कीमतों पर सेवा देने में सुधार के लिए निरंतर प्रयास किया है। ग्राहक केंद्रित दृष्टिकोण और चुस्त नीति निर्माण द्वारा समर्थित व्यवसाय विकास इकाइयों के काम ने रेलवे को इस महत्वपूर्ण उपलब्धि की ओर बढ़ने में मदद की।

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