न्यूज़ डेस्क हरियाणा । चण्डीगढ़ । राकेश गुप्ता । मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने आज यहां ऐलान किया कि ड्रॉप आउट बच्चों को स्कूल में लाने के लिए हरियाणा सरकार गांव से एक किलोमीटर से अधिक दूरी पर स्थित स्कूलों के लिए बच्चों को परिवहन सुविधा प्रदान करेगी। इसके लिए प्रत्येक स्कूल में एक शिक्षक को स्कूल ट्रांसपोर्ट ऑफिसर के रूप में नामित किया जाएगा, जिसका कार्य ऐसे बच्चों के साथ समन्वय स्थापित करना होगा, जिन्हें परिवहन सुविधा की आवश्यकता है। इस संबंध में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों (डीईईओ) के साथ बैठक की। इसी प्रकार, ब्लॉक स्तर पर भी एक स्कूल ट्रांसपोर्ट ऑफिसर (एसटीओ) नामित किया जाएगा, जो ब्लॉक में स्थित स्कूलों के एसटीओ के साथ समन्वय स्थापित कर परिवहन की सुविधा सुनिश्चित करने का कार्य करेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने हरियाणा को जीरो ड्रॉप-आउट राज्य बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसके लिए सभी जिला मौलिक शिक्षा अधिकारियों को पीपीपी डाटा में दर्ज 6 से 18 वर्ष आयु के बच्चों को ट्रैक करने का निर्देश दिया है ताकि कोई भी बच्चा शिक्षा से वंचित न रहे।
मनोहर लाल ने डीईईओ को निर्देश देते हुए कहा कि एमआईएस पोर्टल पर सभी विद्यार्थियों का डाटा निरंतर अपडेट करें। डीईईओ ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि प्रवासी परिवारों के लगभग तीन हजार बच्चे ऐसे हैं, जिनका आधार कार्ड नहीं बना है। इस कारण उनका डाटा एमआईएस पर अपडेट नहीं किया जा सकता।
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य के स्कूलों में दाखिला ले चुके ऐसे प्रवासी परिवारों के बच्चों का आधार कार्ड बनाया जाएगा। इसके लिए माता-पिता को केवल बच्चे की जन्म तिथि के लिए नोटरी से सत्यापित एफिडेविट डीईईओ को प्रदान करना होगा, जिस पर हेड टीचर काउंटर हस्ताक्षर करेगा। यह दस्तावेज अतिरिक्त जिला उपायुक्त के पास प्रस्तुत किया जाएगा और आधार कार्ड बनाया जा सकेगा।मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार ने चार हजार आंगनबाड़ियों को बाल वाटिका में परिवर्तित किया है, जहां बच्चों को खेल-खेल में शिक्षा प्रदान की जा रही है। अब राज्य सरकार की यह योजना है कि जो बाल वाटिकाएं स्कूल परिसर में स्थित हैं, उनकी जिम्मेदारी स्कूल की होगी, ताकि बच्चों को और बेहतर शिक्षा मिल सके। बैठक में स्कूल शिक्षा विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव सुधीर राजपाल, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव डॉ. अमित अग्रवाल, शिक्षा विभाग की निदेशक आशिमा बराड़, मौलिक शिक्षा निदेशक रिप्पूदमन सिंह ढिल्लों उपस्थित रहे।