नई दिल्ली-हिसार पैसेंजर ट्रेन के रद्द होने से दैनिक यात्रियों को हो रही है परेशानी: हरीश गोस्वामी
सिरसा एक्सप्रेस भिवानी-रोहतक-दिल्ली रूट की सबसे महत्वपूर्ण ट्रेन थी
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भिवानी, (ब्यूरो): रेल उपभोक्ता सलाहकार समिति बीकानेर के सदस्य हरीश गोस्वामी ने बताया कि नई दिल्ली-हिसार पैसेंजर ट्रेन नंबर 54423/24 को पहले 22 फरवरी 2025 तक रद्द किया गया था अब उसे बढ़ाकर 27 फरवरी 2025 तक रद्द कर दिया गया है । इसका कारण यह बताया गया है कि इस ट्रेन के डिब्बों को महाकुंभ के लिए चलने वाली स्पेशल ट्रेनों को दे दिया गया है। इससे हर रोज हजारों दैनिक यात्रियों को काफी परेशानी हो रही है। इससे यह पता चलता है कि रेलवे की नजर में यह एक गैर जरूरी या कम जरूरी ट्रेन थी जिसकी वजह से इसके साथ समझौता किया गया है। उन्होंने कहा कि एक समय था जब इस समय चलने वाली सिरसा एक्सप्रेस भिवानी रोहतक दिल्ली रूट की सबसे महत्वपूर्ण ट्रेन थी और एक समय अब आ गया है कि यह ट्रेन बिल्कुल ही गैर जरूरी होती जा रही है पहले सिरसा एक्सप्रेस भिवानी से सुबह 7 बजे चलती थी उसके बाद उसका समय सुबह 6:50 किया गया इसके बाद सिरसा एक्सप्रेस की जगह है हिसार दिल्ली पैसेंजर चलाई गई और इसका समय घटाकर पहले 6:40 फिर 6:30 किया गया इतने में भी बात नहीं बनी तो इस ट्रेन को भिवानी जंक्शन की जगह भिवानी सिटी से चलाया गया उम्मीद थी कि भिवानी सिटी से चलने पर लोगों के समय की बचत होगी पर इसका उल्टा हुआ दूरी कम होने के बाद भी ट्रेन का समय 6:30 की जगह 6:15 कर दिया गया गौर करने वाली बात है कि यह ट्रेन लगभग दिल्ली उसी समय पहुंच रही है जिस समय यह सुबह 6:50 या 7 चलकर पहुंच जाती थी । अभी यह ट्रेन भिवानी सिटी से सुबह 6:15 चलती है और रोहतक 7:48 पर पहुंच जाती है भिवानी सिटी से रोहतक तक के 44 किलोमीटर की दूरी को तय करने में यह ट्रेन 93 मिनट ले रही है इसकी औसत गति लगभग 28 किलोमीटर प्रति घंटा है। जबकि यह 44 किलोमीटर की दूरी अधिकतम 45 से 50 मिनट में पूरी हो जानी चाहिए लेकिन रेलवे अधिकारियों की उदासीनता की वजह से यह ट्रेन गैर जरूरी हो गई । अब रेलवे अधिकारियों ने इसकी ट्रेन की गति लगभग एक ई-रिक्शा के बराबर कर दी है। ध्यान रहे कि इस बीच भिवानी रोहतक रूट की इलेक्ट्रिफिकेशन भी हो चुकी है जिससे ट्रेन की गति बढ़ानी चाहिए थी लेकिन हुआ इसका उल्टा।
गौर करने वाली बात है कि इस ट्रेन में अधिकतर दैनिक यात्री विद्यार्थी और रोहतक पीजीआई में जाने के लिए मरीज सफर करते हैं उसके बाद भी इस ट्रेन को लगातार आधिकारिक रूप से धीमा किया जा रहा था इसके बाद भी यह ट्रेन नई दिल्ली से भिवानी आते समय प्रतिदिन लेट रहती है इसकी शिकायत दैनिक यात्रियों ने ट्विटर व अन्य माध्यम से रेलवे को भी की है लेकिन इसमें कोई सुधार नहीं किया जा सका । अब अधिकारियों द्वारा इस रेल के डिब्बो को ही महाकुंभ के लिए महाकुंभ स्पेशल के लिए उपलब्ध करा दिया गया है महाकुंभ स्पेशल के लिए ट्रेनिंग चलाना एक अच्छी बात है लेकिन इसके लिए किन ट्रेनों के डब्बे उपलब्ध कराए जाएंगे इससे उन ट्रेनों की रेलवे अधिकारियों की नजर में क्या आवश्यकता है यह पता चलता है। भिवानी- रोहतक- दिल्ली रूट की रेल यात्रा लगभग पतन की ओर है ट्रेनों को आधिकारिक रूप से इतना धीमा किया जा रहा है कि उनकी प्रासंगिकता खत्म हो जाए। भिवानी के नेताओं राजनेताओं को इस विषय में कोई जरूरी कदम उठाने की जरूरत है साथ ही भिवानी और आसपास के लोगों को भी यह सोचने की जरूरत है कि क्या हमारी रेलवे प्रगति कर रही है या यह पतन की ओर है? 2010 से 2025 तक भिवानी से दिल्ली तक की यात्रा 45 मिनट से बढ़ जाती है तो क्या आप इसे प्रगति कहेंगे या उदासीनता । या रेलवे अब सिर्फ वंदे भारत जैसी ट्रेन में यात्रा करने वाले यात्रियों के लिए है? क्या रेलवे अब आम आदमी की सवारी नहीं रही? आपको इस बात को पूरे जोर से उठाने की जरूरत है और इसे एक मुद्दा बनाने की भी जरूरत है ताकि लोगों की सुविधाओं पर रेलवे अधिकारियों का ध्यान जाए।