राष्ट्रीय कवि दयाचंद सर्वसमाज के कवि थे: हनुमान कौशिक

भिवानी, (ब्यूरो): दयाचंद सर्वसमाज के कवि थे। आज जरूरत है तो हमें उनकी शिक्षाओं से प्रेरणा लेने की और अपने जीवन में धारण करने की। यह बात म्हारी संस्कृति म्हारा स्वाभिमान संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष हनुमान कौशिक ने गांव पालम के दादा देव मंदिर में आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही। उन्होंने कहा कि म्हारी संस्कृति म्हारा स्वाभिमान संगठन गांव उमरावत में लगभग 7 करोड़ रूपये की लागत से सूर्य कवि पंडित लख्मीचंद आश्रम का निर्माण करवा रहा है जिसका 80 प्रतिशत कार्य पूर्ण हो चुका है। इस आश्रम में सूर्य कवि पंडित लख्मीचंद, राष्ट्रीय कवि दयाचंद, जाट मेहर सिंह समेत पूरे भारत देश के सभी कवियों कि प्रतिमाएं स्थापित की जाएंगी और उनके द्वारा रचित पुस्तकें रखी जाएंगी। उन्होंने बताया कि एक ऐसा भवन बनाया जा रहा है जोकी पूरे भारत देश में कहीं भी नहीं मिलेगा। इसके हॉल में 6 हजार व्यक्तियों के बैठने की सुविधा होगी। उन्होंने बताया कि संगठन लगभग सभी कवियों की जयंती सर्व समाज के साथ मनाता है। इस अवसर पर निर्मला पिहाल, सरपंच रमेश भंबेवा, राजबीर बोहर, धर्मवीर नागर, नवीन शर्मा उमरावत, सुनील शर्मा उमरावत, नंदकिशोर बादली, राजेश खेड़ी, लोक गायक बाली शर्मा, राकेश भराणिया, इंद्रजीत कुंडलिया, कप्तान सिंह बिसानिया, जसबीर बादली, दीपक लडरावन, जनकराज बापोड़ा, वंश चांदी, बिजेन्द्र बहादुरगढ, जगबीर कारोरिया, कृष्ण बिसानिया, ऋषि बिसानिया, संजय छजलाना, मा. धर्मपाल दुलेहड़ा, मनू चावरिया, संजय गोडाला समेत अनेक गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।