शराबकांड की जांच एसआईटी से नहीं हाई कोर्ट के जस्टिस से करवाए सरकार: शैलजा
तीन साल पहले जहरीली शराब से 40 मौतों से भी सरकार ने नहीं लिया सबक
न्यूज़ डेस्क हरियाणा । चण्डीगढ़ । राकेश गुप्ता । अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री कुमारी शैलजा ने कहा है कि यमुनानगर और अंबाला में जहरीली शराब से हो रही मौतों को लेकर भाजपा-जजपा गठबंधन सरकार गंभीर नहीं है। इसलिए ही एसआईटी बनाकर जांच कराने का ढोंग किया जा रहा है।
कांग्रेस नेता शैलजा ने कहा कि प्रदेश सरकार जहरीली शराब प्रकरण की तह तक जाना चाहती है तो उसे बिना देरी किए मौतों की जांच पंजाब एवं हरियाणा हाई कोर्ट के जस्टिस से करानी चाहिए। जस्टिस से जांच के बिना न तो असली गुनाहगारों को सजा मिल सकेगी और न ही भविष्य में ऐसी घटनाओं को घटित होने से रोका जा सकेगा।
बुधवार को चंडीगढ़ में जारी एक बयान में सैलजा ने कहा कि साल 2020 में सोनीपत, पानीपत व फरीदाबाद में 40 से अधिक लोगों की जहरीली शराब के कारण जान चली गई थी। उस समय भी जांच के नाम पर इसी तरह से एसआईटी बनाने का स्वांग रचा गया। कुछ समय बाद प्रदेश के लोग इतनी मौतों को भूल गए। तीन साल में यमुनानगर और अंबाला में जहरीली शराब ने 20 से अधिक लोगों की जान ले ली।
पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि साल 2014 में सत्ता संभालने के बाद भाजपा का कार्यकाल देखें और साल 2019 में उसकी सहयोगी बनी जजपा का भी साथ में कार्यकाल देखें तो प्रदेश में जहरीली शराब से होने वाली मौतें रिकॉर्ड बना चुकी हैं। प्रदेश में इतनी बड़ी संख्या में कभी भी मौत नहीं हुई, जितनी इन नौ साल के अंदर हुई हैं। हर बार सख्ती का दावा करने वाली गठबंधन सरकार की पोल फिर से होने वाली मौत खोल देती हैं।
शैलजा ने कहा कि शराब के सैंपल की जांच को लेकर प्रदेश सरकार कितनी गंभीर है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि इसी साल मई महीने से अक्टूबर के बीच आबकारी एवं कराधान विभाग ने अकेले यमुनानगर जिले से 57 सैंपल लेकर पंचकूला लैब में भेजे, लेकिन इनमें से एक की भी जांच रिपोर्ट अभी तक नहीं आई है। जहरीली शराब प्रकरण सामने आने के बाद शराब के 190 सैंपल लेने का दावा प्रदेश सरकार कर रही है, जबकि इनमें से एक भी सैंपल 20 से अधिक जान जाने के बाद भी लैब नहीं भेजा जा सकता है।