क्या भीड़ इकट्ठा करने के लिए कहा था, कैसे मिली 24 नवंबर को हुई हिंसा की जानकारी… संभल सांसद जियाउर्रहमान बर्क का सवालों से सामना

उत्तर प्रदेश की संभल की जामा मस्जिद में पिछले साल 24 नवंबर को सर्वे के दौरान हिंसा भड़क गई थी. इसी के बाद अब हिंसा से जुड़े मामले को लेकर एसआईटी (SIT) की टीम जांच कर रही है. जांच के चलते संभल से सांसद और समाजवादी पार्टी के नेता जियाउर्रहमान बर्क से पूछताछ की जा रही है.
सांसद जियाउर्रहमान बर्क सुबह लगभग 11 बजे संभल कोतवाली पहुंचे. उन्होंने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, आज मेरी तबीयत ठीक नहीं है, मेरे डॉक्टर ने मुझे आराम करने की सलाह दी है, लेकिन इसके बावजूद मैं वहां जा रहा हूं ताकि पुलिस प्रशासन को यह न लगे कि मैं जांच में सहयोग नहीं कर रहा हूं. इसी बीच चलिए जानते हैं कि SIT बर्क से क्या-क्या सवाल पूछ सकती है.
सांसद से पूछताछ जारी
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- सांसद बर्क से पूछताछ जारी है. सूत्रों के मुताबिक, SIT बर्क से व्हाट्सएप ग्रुप में बारे में पूछताछ कर रही है.
- ग्रुप की DP में जियाउर्रहमान की फोटो लगी है
- ग्रुप में जुम्मे की नमाज के दौरान शाही जामा मस्जिद में बड़ी मात्रा में भीड़ इकट्ठा होने को कहा गया है.
- 21 और 22 नवंबर को संभल सांसद ने ग्रुप में कई पोस्ट किए थे
SIT बर्क से क्या-क्या सवाल पूछेगी?
इसी बीच चलिए जानते हैं कि वो कौन से सवाल है जो SIT सपा सांसद बर्क से पूछेगी. SIT बर्क से कई सवाल पूछेगी जिसमें उनसे पूछा जाएगा कि-
- 19 नवंबर 2024 और 24 नवंबर 2024 को वो कहां थे?
- 19 नवंबर 2024 को उनकी जामा मस्जिद कमेटी से जुड़े लोगों से क्या बातचीत हुई थी ?
- जामा मस्जिद के सदर जफर अली से उनकी कितनी देर बातचीत हुई थी ?
- सदर जफर अली को उन्होंने क्या-क्या बोला था ?
- सदर जफर अली ने SIT के सामने दावा किया कि आपने उन्हें भीड़ जुटाने के लिए कहा था, इस पर आप क्या कहेंगे?
- क्या आपने फोन पर भीड़ इकट्ठा करने के लिए कहा था ?
- क्या आपने कोर्ट के आदेश में चल रहे सर्वे को किसी भी हाल में नहीं होने देने के लिए कहा था ?
- आपने जफर अली के अलावा और कितने लोगों के साथ सर्वे से संबंधित बातचीत की थी ?
- उन्हें 24 नवंबर 2024 को हुई हिंसा मामले की जानकारी कैसे मिली ?
सर्वे के दौरान भड़की थी हिंसा
संभल की जामा मस्जिद अकसर सुर्खियों में बनी रहती है. मस्जिद का 24 नवंबर को सर्वे किया जा रहा था, उसी दौरान हिंसा भड़क गई थी. यह हिंसा इतनी ज्यादा बढ़ गई थी कि इसमें चार लोग मारे गए थे, जबकि कई अन्य घायल हो गए थे. इलाके में लोगों के बीच दहशत फैल गई थी और इसी के चलते शांति बहाली के लिए पुलिस ने कदम उठाए थे और कई दिनों तक इंटरनेट बंद कर दिया गया था और कर्फ्यू लगाया गया था.
इस मामले की जांच में एसआईटी की टीम जियाउर्रहमान बर्क के दिल्ली स्थित आवास पर गई थी और सांसद बर्क को 35ए का नोटिस थमाया था, जिसमें उन्हें 8 अप्रैल तक बयान दर्ज कराने के लिए कहा गया था. इससे पहले जामा मस्जिद कमेटी के अध्यक्ष जफर अली एडवोकेट को इस मामले में गिरफ्तार किया जा चुका है. जफर पर अशांति फैलाने की साजिश रचने और गंभीर अपराधों में झूठे बयान देने का आरोप दर्ज है.
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