दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने बुधवार को प्रेस वार्ता करते हुए नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) को लेकर केंद्र सरकार पर तीखा हमला बोला। उन्होंने CAA को लागू करने का विरोध किया और बीजेपी पर वोट बैंक की राजनीति का आरोप लगाया।
केजरीवाल ने कहा, “केंद्र सरकार ने दस साल तक देश पर राज किया है, लेकिन ऐन चुनाव के पहले ही CAA लेकर आई है। इससे स्पष्ट है कि वोट बैंक की राजनीति है।” उन्होंने यह भी जोड़ा कि वोट बैंक नहीं, लोगों के लिए भविष्य से चिंता करने वाली सरकार होनी चाहिए।
सीएए को लेकर केजरीवाल ने कहा कि यह कानून देश की व्यवस्था को बिगाड़ सकता है। उन्होंने कहा, “पड़ोसियों के लिए खोले दरवाजे तो देश की व्यवस्था बिगड़ जाएगी।” वे इसे धार्मिकता के नाम पर विभाजन करने और धार्मिक नफ़रत को बढ़ावा देने का भी माध्यम मानते हैं।
अंततः, केजरीवाल ने कहा, “हमें इस पर विचार करना चाहिए कि क्या हमें वास्तव में यह कानून चाहिए?” उन्होंने कहा कि इसे अधिक से अधिक लोगों के साथ समझाने की आवश्यकता है और सरकार को लोगों की आवाज को सुनना चाहिए।
इस प्रेस वार्ता के बाद, समाचार पत्रों और सोशल मीडिया पर अरविंद केजरीवाल के बयानों पर विवाद चला है। कुछ लोग उनके विरोधी हैं, जबकि कुछ उन्हें समर्थन दे रहे हैं। यह भारतीय राजनीति में एक नई बहस को उजागर कर रहा है और इससे CAA के लागू होने के बाद क्षेत्रीय और राष्ट्रीय राजनीतिक दलों के बीच भी मार्गदर्शन निर्धारित हो सकता है।