CM केजरीवाल का चिकित्सकीय जांच जेल लौटने से बचने के लिए एक नाटक : भाजपा
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की दिल्ली इकाई ने चिकित्सकीय जांच कराने के लिए जमानत की अवधि एक सप्ताह बढ़ाए जाने के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के कदम को जेल लौटने से बचने के लिए किया जा रहा ‘‘नाटक'' बताया है।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की दिल्ली इकाई ने चिकित्सकीय जांच कराने के लिए जमानत की अवधि एक सप्ताह बढ़ाए जाने के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के कदम को जेल लौटने से बचने के लिए किया जा रहा ‘‘नाटक” बताया है। आम आदमी पार्टी (आप) की वरिष्ठ नेता आतिशी ने सोमवार को कहा कि मुख्यमंत्री केजरीवाल ने उनकी अंतरिम जमानत की अवधि एक सप्ताह बढ़ाए जाने का अनुरोध किया है क्योंकि हाल में उनका वजन कम हो जाने और कीटोन स्तर में बढ़ोतरी होने के कारण उन्हें कुछ जांच करानी हैं जो गुर्दे की किसी समस्या या कैंसर का भी लक्षण हो सकता है।
प्रचार करते समय उन्हें कोई दिक्कत नहीं हुई
भाजपा की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने कहा कि मुख्यमंत्री का यह कदम धनशोधन मामले में उनकी अंतरिम जमानत की अवधि 1 जून को समाप्त होने के बाद वापस जेल जाने से बचने के लिए किया गया ‘‘नाटक” है। सचदेवा ने कहा, ‘‘उच्चतम न्यायालय ने उन्हें चुनाव प्रचार करने के लिए जमानत दी थी और प्रचार करते समय उन्हें कोई दिक्कत नहीं हुई लेकिन अब वह गंभीर बीमारियों से पीड़ित हैं। यदि ऐसा है तो वह पंजाब में प्रचार अभियान में व्यस्त होने के बजाय अभी ये जांच क्यों नहीं करा लेते?”
कीटोन का उच्च स्तर गंभीर बीमारियों के लक्षण
आतिशी ने ‘पीटीआई-वीडियो’ से कहा कि केजरीवाल का वजन 21 मार्च को उनकी गिरफ्तारी के बाद सात किलोग्राम कम हो गया। दिल्ली के मंत्री ने कहा कि उनका कम हुआ वजन फिर से बढ़ा नहीं है और चिकित्सकों को यह समझ नहीं आ रहा कि उनका वजन कम क्यों हुआ। मंत्री ने कहा, ‘‘उनकी कुछ जांच हुई हैं और उनका कीटोन स्तर बहुत अधिक है। चिकित्सकों ने कहा है कि वजन में कमी और कीटोन का उच्च स्तर बहुत गंभीर बीमारियों के लक्षण हो सकते हैं। ये गुर्दे में गंभीर समस्या या कैंसर के लक्षण भी हो सकते हैं।”
अंतरिम जमानत बढ़ाए जाने का SC से अनुरोध
उन्होंने कहा कि चिकित्सकों ने केजरीवाल को अपने पूरे शरीर का ‘सीटी स्कैन’ और ‘पैट स्कैन’ जैसी कई जांच कराने का सुझाव दिया है इसलिए मुख्यमंत्री ने उनकी अंतरिम जमानत की अवधि सात दिन बढ़ाए जाने का उच्चतम न्यायालय से अनुरोध किया है ताकि वह ये जांच करा सकें। पैट-सीटी स्कैन’ यानी ‘पॉजिट्रॉन एमिशन टोमोग्राफी-कंप्यूटेड टोमोग्राफी’ जांच के जरिए शरीर के अंगों एवं ऊतकों की विस्तृत तस्वीरें मिलती हैं।