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हेलमेट बनाने वाली 162 कंपनियों के लाइसेंस कैंसल, सरकार क्या कर रही है प्लानिंग

रोड सेफ्टी को लेकर केंद्र सरकार की ओर से अलग अभियान चलाया हुआ है. इस अभियान के तहत टू-व्हीलर्स पर चलने वाले लोगों के हेलमेट को भी शामिल किया गया है. खास बात तो ये है कि सरकार ने 162 कंपनियों के लाइसेंस कैंसल कर दिए हैं, जो हेलमेट बना रही थी. सरकार की ओर से इस कैंपेन में किया गया सबसे बड़ा एक्शन बताया जा रहा है. आने वाले दिनों के लिए सरकार की ओर से और भी अलग प्लानिंग की जा रही है. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर सरकार की ओर से किस तरह की प्लानिंग की जा रही है.

162 लाइसेंस कैंसल

सड़क सुरक्षा और बाजार में घटिया सुरक्षात्मक उपकरणों की बाढ़ से जुड़ी चिंताओं के बाद केंद्र ने जिला अधिकारियों को गैर-आईएसआई प्रमाणित हेलमेट के मेकर्स और सेलर्स पर कार्रवाई करने का आदेश दिया है. उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने शनिवार को जानकारी देते हुए कहा कि सरकार ने अब तक 162 हेलमेट मैन्युफैक्चरर के लाइसेंस रद्द कर दिए हैं. अधिकारियों ने भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) के नियमों के उल्लंघन को लक्षित करते हुए 27 छापे मारे हैं.

करीब 3 साल पहले का आदेश

उपभोक्ता मामलों की सचिव निधि खरे ने कहा कि हेलमेट जीवन बचाते हैं, लेकिन केवल तभी जब वे अच्छी गुणवत्ता के हों. यह पहल बाजार से असुरक्षित हेलमेट हटाने की दिशा में महत्वपूर्ण है. यह कार्रवाई सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय द्वारा जून, 2021 में गुणवत्ता नियंत्रण आदेश लागू करने के बाद की गई है, जिसमें मानक आईएस 4151:2015 के तहत सभी हेलमेट के लिए बीआईएस प्रमाणन अनिवार्य कर दिया गया है.

क्या है नई प्लानिंग

अधिकारियों ने खास तौर पर सड़क किनारे बिना प्रमाणिकता वाले हेलमेट बेचने वाले विक्रेताओं को निशाना बनाया है. उपभोक्ता बीआईएस केयर ऐप या वेबसाइट के माध्यम से विनिर्माता की साख को सत्यापित कर सकते हैं. जिला अधिकारियों को उल्लंघन की पहचान करने के लिए पुलिस और बीआईएस अधिकारियों के साथ मिलकर काम करने का निर्देश दिया गया है. उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय ने कहा कि अभियान को मौजूदा सड़क सुरक्षा पहलों के साथ एकीकृत किया जाएगा.

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