हरियाणा

वैश्य महाविद्यालय में बाल विवाह पर जागरूकता संगोष्ठी आयोजित

भिवानी, (ब्यूरो): जिला विधिक सेवा प्राधिकरण भिवानी के निर्देशानुसार वैश्य महाविद्यालय की कानूनी साक्षरता सेल द्वारा एक विशेष जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।इस कार्यक्रम में जागरूकता का विषय रखा गया बाल विवाह निषेध अधिनियम 2006। इस अवसर पर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट पवन कुमार व पैनल अधिवक्ता अनुराधा खनगवाल ने उपस्थित विद्यार्थियों को बाल विवाह निषेध अधिनियम की बारीकियां समझाई। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट पवन कुमार ने विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए कहा कि बाल विवाह भारतीय समाज में एक कलंक है।इस  कलंक को जड़ से मिटाना है। इस मुहिम में विद्यार्थियों की भागीदारी बड़ी महत्वपूर्ण हो सकती है। उन्होंने बताया कि विद्यार्थियों में ऊर्जा,लग्न व जोश भरपूर मात्रा में होता है।इस प्रकार के कार्यक्रम से विद्यार्थी स्वंय तो जागरूक होते ही है साथ मे वे समाज के व अपने आस पड़ोस के लोगों को जागरूक करने का भी महत्वपूर्ण कार्य कर सकते हैं। कार्यक्रम की मुख्य वक्ता अधिवक्ता अनुराधा खनगवाल ने कहा कि बाल विवाह मानवाधिकारों का उल्लंघन है और यह लड़कियों के जीवन और स्वास्थ्य के लिए खतरा है. बाल विवाह को रोकने के लिए भारत में कानून है. बाल विवाह को रोकने के लिए सरकार और नागरिक समाज प्रयास कर रहे हैं। इस अवसर पर कार्यक्रम संयोजक प्रो. रतन सिंह ने अवगत करवाया कि महाविद्यालय में विद्यार्थियों को कानूनी रूप से सक्षम बनाने के लिए कानूनी साक्षरता सेल का गठन किया गया है। यह सेल विद्यार्थियों को जागरूक करने के लिए समय समय पर अनेकों कार्यक्रम आयोजित करती है। महाविद्यालय की कार्यकारी प्राचार्या प्रो. सविता जैन ने कहा कि समाज में सभी वर्गों के लिए कानून बने होते हैं लेकिन इन कानूनों की जानकारी के अभाव के कारण लोग इनका फायदा उठाने से वंचित रह जाते हैं। आये हुए अतिथियों का धन्यवाद करते हुए वैश्य महाविद्यालय के स्वपोषित विभाग की निर्देशिका डॉ प्रोमिला सुहाग ने कहा कि कानूनों का ज्यादा से ज्यादा प्रचार जनता में होना चाहिए। इस कार्यक्रम का सफल मंच संचालन डॉ हरिकेश पंघाल द्वारा किया गया। इस अवसर पर डॉ अंजू राजन,डॉ अनिल तंवर, डॉ पूनम वर्मा,डॉ श्रुति रानी,डॉ सतीश कुमार, डॉ अनिल शर्मा, डॉ मनीष कुमार सहित महाविद्यालय के समस्त विद्यार्थी उपस्थित थे।

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