40 की साल की उम्र में महिलाएं जरूर करें ये 3 योगाभ्यास, तनाव भी होगा कम
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उम्र बढ़ने के साथ शरीर में कई तरह के बदलाव होने लगते हैं. एक्सपर्ट कहते हैं कि 30 की उम्र के बाद बोन डेंसिटी कम होने लगती है. ऐसे में खासकर, महिलाओं को अपने स्वास्थ्य का खास ख्याल रखना चाहिए. 40 की उम्र में आते-आतेजोड़ों में अकड़न, मांसपेशियों में कमजोरी और मानसिक थकान जैसी समस्याएं आम होती हैं. इन समस्याओं से निपटने के लिए योग एक बेहतरीन तरीका है.
योगासन शरीर का लचीलापन बढ़ाने, मानसिक शांति पाने और हेल्दी रखने के लिए सहायक होते हैं. ऐसे में आइए जानते कि 40 साल की उम्र में महिलाओं को कौन-कौन से योगाभ्यास करने चाहिए. वहीं, योगाभ्यास स्ट्रेस को मैनेज करने में भी फायदेमंद है.
ताड़ासन
ताड़ासन पूरे शरीर को खींचने और मजबूत करने के लिए बेहतरीन है. इसके नियमित अभ्यास से शरीर में लचीलापन बढ़ता है और शरीर के ऊपरी हिस्से को ताकत भी मिलती है. ताड़ासन रीढ़ की हड्डी को सीधा करता है और पेट की मांसपेशियों को मजबूत करता है. इसे करने के लिए-
- सीधे खड़े हो जाएं और पैरों को थोड़ा अलग रखें
- अब दोनों हाथों को ऊपर की ओर खींचें और उंगलियों को एक-दूसरे से जोड़ते हुए शरीर को खींचे
- सिर और गर्दन को सीधा रखें और ध्यान रखें कि आपकी पीठ सीधी रहे।
- 20-30 सेकंड तक इस स्थिति में बने रहें और फिर धीरे-धीरे सामान्य स्थिति में लौटें
वृक्षासन
यह शारीरिक और मानसिक संतुलन में सुधार लाता है और एकाग्रता को बढ़ाता है. यह कमर, जांघ और कूल्हे की मांसपेशियों को मजबूत करता है.
- सीधे खड़े हो जाएं और एक पैर को घुटने से मोड़कर दूसरे पैर के जांघ पर रखें
- दोनों हाथों को ऊपर की ओर मिलाकर प्रार्थना की मुद्रा में रखें
- ध्यान केंद्रित करें और 20-30 सेकंड तक इस स्थिति में बने रहें
भुजंगासन
भुजंगासन रीढ़ की हड्डी को लचीला बनाने और पेट की मांसपेशियों को मजबूत करने में मदद करता है. यह विशेष रूप से पीठ दर्द के लिए फायदेमंद है. यह पेट की मांसपेशियों को टोन करता है और शरीर में ऊर्जा का संचार बढ़ाता है. यह तनाव कम करने में फायदेमंद है.
- पेट के बल लेट जाएं और पैरों को आपस में सटाकर रखें
- दोनों हाथों को कंधों के नीचे रखें और धीरे-धीरे धड़ को ऊपर की ओर उठाएं
- सिर को सीधा रखते हुए, छाती और पेट को ऊपर की ओर उठाने की कोशिश करें
- 15-20 सेकंड तक इस स्थिति में बने रहें और फिर सामान्य स्थिति में लौटें