राजनीति

दोगुनी हुई इनकम… पीएम मोदी को मुद्रा योजना के लाभार्थियों ने बताई अपनी कहानी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आज यानी कि 8 अप्रैल को मुद्रा योजना के लाभार्थियों से बातचीत की. इस योजना की मदद से हजारों लोगों ने अपने व्यवसायों को खड़ा किया है. इसका मुख्य उद्देश्य सूक्ष्म उद्योग और छोटे व्यवसायों को वित्तपोषित करना है, इस योजना के तहत पिछले 10 सालों में 50 करोड़ लोन खाते स्वीकृत किए गए हैं.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस योजना के 10 साल पूरे होने पर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा कि #10YearsOfMUDRA के अवसर पर, मैंने पूरे भारत से मुद्रा लाभार्थियों को अपने निवास पर आमंत्रित किया था. उन्होंने इस योजना से उनके जीवन में आए बदलावों के बारे में रोचक जानकारी साझा की.

लाभार्थियों ने बताई अपनी कहानी

पीएम मोदी से इस योजना के लाभार्थियों ने बातचीत की और इसके साथ ही अपना एक्सपीरियंस भी शेयर किया. कई लोगों ने बताया कि इस योजना की मदद से उन्हें दोबारा खड़े होने में मदद मिली है. बातचीत के दौरान लाभार्थियों ने बताया कि जो पहले महज 20 हजार रुपये कमाते थे, योजना की मदद से आज उनकी इनकम दोगुनी से ज्यादा हो चुकी है.

पीएम से बातचीत के दौरान कई युवाओं ने बताया कि उन्होंने जब नौकरी छोड़ी थी तो वे 70 हजार रुपये कमा रहे थे, लेकिन कुछ अपना करने का मन था. अपना काम करने में पैसों की जरूरत थी, कोई पैसा देने के लिए तैयार नहीं था. उस समय हमारी मदद मुद्रा योजना ने ही की थी. आज इस योजना की मदद से हम 70 हजार से 2 लाख रुपये महीने कमा रहे हैं. इसके साथ ही कई अन्य लोगों को भी रोजगार दे रहा हूं.

सबसे ज्यादा महिलाओं ने लिया इस योजना का लाभ

प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के 10 वर्ष पूरे होने पर वित्तीय सेवा विभाग के सचिव एम नागराजू ने एएनआई को बताया कि प्रधानमंत्री ने यह योजना उन लोगों के लिए शुरू की थी जो बिना किसी गारंटी के लोन चाहते हैं. हमने पिछले 10 वर्षों में 50 करोड़ ऋण खाते स्वीकृत किए हैं और कुल 33 लाख करोड़ रुपये का लोन दिया है. इनमें से 68 प्रतिशत महिला लाभार्थी हैं, और 50 प्रतिशत अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़े समुदायों से हैं. लाभार्थी ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से लोन के लिए आवेदन कर सकते हैं.

मुद्रा योजना की मदद से अपना काम धंधा शुरू करने वाले दर्जी कमलेश ने अपने काम का विस्तार किया, जिसके बाद उन्होंने तीन अन्य महिलाओं को रोजगार दिया और अपने बच्चों का एक अच्छे स्कूल में एडमिशन कराया. दूसरी लाभार्थी बिंदु, जिन्होंने एक दिन में 50 झाड़ू से शुरुआत की थी, अब 500 उत्पादन करने वाली यूनिट की हेड हैं.

Related Articles

Back to top button