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घायल सांप का सफल ऑपरेशन कर बचाई जान

वेटनरी पोलीक्लीनिक भिवानी ने एक दुर्लभ उपलब्धि हासिल की

पवन शर्मा
भिवानी, (ब्यूरो): आमतौर पर लोग सांप से डरते हैं और उसके हाथ लगाने पर कांटने के डर से दूर भागते हैं, लेकिन पशुपालन विभाग के वेटनरी पोलीक्लीनिक भिवानी ने एक दुर्लभ उपलब्धि हासिल करते हुए एक घायल सांप का सफल ऑपरेशन किया है। इस जटिल प्रक्रिया के बाद सांप पूरी तरह स्वस्थ हो गया है। इस उपलब्धि की सराहना उच्च अधिकारियों ने भी की है। वेटनरी पोलिक्लीनिक के पशु चिकित्सक डा. सुभाष ने सांप को एनिस्थिया दिया व डा. जोनी ने सांप का ऑप्रेशन किया। डा. जोनी ने बताया कि सांप के एक जगह से कुछ हिस्सा कटा हुआ था और वहां से अंदर का भाग गला-सड़ा हुआ था। अगर इसका ऑप्रेशन नहीं किया जाता तो सांप की मृत्यु तक भी हो सकती थी। जिसके बाद घंटों की मेहनत के बाद ऑपरेशन को सफलतापूर्वक अंजाम दिया। उन्होंने बताया कि यह ऑपरेशन बहुत चुनौतीपूर्ण था, लेकिन उन्होंने पूरी सावधानी से इसे अंजाम दिया और अब यह पूरी तरह स्वस्थ हो रहा है। पशुपालन विभाग के उपनिदेशक डा. रविंद्र सहरावत ने पशु चिकित्सकों की टीम को बधाई देते हुए बताया कि यह सांप उनके पास जीव-जंतु विभाग के कर्मचारी लेकर आए थे और पशु चिकित्सकों ने बिना समय गवांए ऑप्रेशन कर इस सांप की जिंदगी बचाई। उन्होंने कहा कि यह ऑपरेशन न केवल चिकित्सा विज्ञान की प्रगति को दर्शाता है, बल्कि यह भी साबित करता है कि सभी जीवों का जीवन मूल्यवान है। पशु चिकित्सकों की की यह उपलब्धि सराहनीय है। उन्होंने बताया कि इस सफल ऑप्रेशन के बाद यह सफल ऑपरेशन यह दर्शाता है कि सही देखभाल और प्रयासों से किसी भी जीवन को बचाया जा सकता है, चाहे वह इंसान हो या वन्यजीव। पशुपालन विभाग के उपनिदेशक डा. रविंद्र सहरावत ने बताया कि उनके पालिक्लीनिक में प्रतिदिन 5 से 6 ऑप्रेशन किए जाते है। यहां सिजेरियन, रूमनोटोमी जैसे बड़े ऑप्रेशन जो हिसार में होते थे, अब यहां किए जाते है। कुत्तों में टूटी हड्डी के लिए पिनिंग व प्लेट डालने जैसे ऑप्रेशन भी किए जाते है। उन्होंने बताया कि सर्दियों में कटड़ों व बछड़ों में पेशाब के बंधे के 50-60 ऑप्रेशन किए गए थे। उन्होंने कहा कि फील्ड के पशु चिकित्सक भी बहुत ही अच्छा कार्य कर रहे है। वहां उपलब्ध व्यवस्थाओं के अनुसार सामान्य ऑप्रेशन कर लिए जाते है, बाकी ऑप्रेशन के लिए वैटनरी पोलिक्लीनिक में सर्जरी, गायनी, पैथो, मैडिसन जैसे स्पेशलिस्ट पशु चिकित्सकों की टीम तैनात है। जो आपातकालीन ऑप्रेशन रात को भी करती है। उन्होंने बताया कि यहां पक्षियों का ईलाज भी किया जाता है। उन्होंने बताया कि उनके भिवानी का कार्यभार संभालते ही वेटनरी पॉलिक्लीनिक को मजबूत करने की कोशिश की गई, ताकि पशुपालकों को ईलाज के लिए हिसार लुवास पर निर्भर ना रहना पडत़े। उन्होंने बताया कि यहां ऑपेशन व लैब से संबंधित सभी उपकरण उपलब्ध करवाने की कोशिश की जा रही है, ताकि पशुपालकों को नि:शुल्क उपचार मिल सकें। घर द्वारा पर पशु उपचार पहुंचाने के लिए उनके पास एंबुलैंस भी उपलब्ध है तथा 1962 टोल फ्री पर फोन करके यह सुविधा हासिल की जा सकती है।

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