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घर में आग लगाकर परिवार को जिंदा जला दिया, 4 की मौत… क्यों कातिल बना बड़ा भाई?

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के चिलुआताल थाना क्षेत्र के दहला गांव में बीते 14 दिसंबर को बड़े भाई ने घर में थिनर छिड़ककर आग लगा दी थी. आग में घर के पांच सदस्य झुलस गए थे. दो भाइयों व एक बहू की पहले ही मौत हो गई थी. दूसरी बहु मधु की शुक्रवार को मौत होने पर कोहराम मच गया. जैसे से शव गांव में पहुंचा, लोग आक्रोशित हो गए और डोहरिया-कौड़िया मार्ग पर जाम लगाकर आरोपी को फांसी देने की मांग करने लगे. पुलिस ने काफी मशक्कत के बाद उन्हें समझा कर जाम को खत्म करवाया.

चिलुआताल थाना क्षेत्र के दहला गांव में भाई ने पैतृक सम्पत्ति हड़पने व भाइयों से अपमान का बदला लेने के लिए एक खौफनाक साजिश रची थी. वह बाजार से 12 बोतल थिनर खरीद कर लाया और घर के बाहर छिड़ककर आग लगा दी. घटना में बृजेश निषाद व उसकी पत्नी, तीन वर्षीय बेटी रिद्धिमा, भाई अरविंद निषाद और 10 दिन पहले शादी करके आई उसकी नई दुल्हन माला बुरी तरह झुलस गए थे. सभी का बीआरडी मेडिकल कालेज में इलाज चल रहा था. दोनों भाई और नई दुल्हन माला ने पहले ही दम तोड़ दिया था.

शव पहुंचते ही मचा कोहराम

शुक्रवार की देर शाम दूसरी बहू व बृजेश की पत्नी मधु ने भी दम तोड़ दिया. जैसे ही मधु का शव गांव पहुंचा कोहराम मच गया. आक्रोशित गांव के लोगों व रिश्तेदारों का कहना था कि आरोपी बेचैन को फांसी दी जाए. उसके बाद सभी ने शव को डोहरिया-कौड़िया मार्ग पर रखकर जाम लगा दिया. सूचना पर फोर्स के साथ पहुंचे सीओ कैम्पियरगंज गौरव त्रिपाठी ने काफी मशक्कत के बाद दो घण्टे बाद किसी तरह से जाम को खत्म करवाया.

आरोपी विजय निषाद व उसकी पत्नी सोनम उर्फ शांति को पुलिस ने पहले ही गिरफ्तार कर लिया था. पुलिस गिरफ्तारी के समय बेचन ने पुलिस को बताया था कि प्रॉपर्टी हथियाना तो एक अलग मुद्दा है. उसे घर में कोई इज्जत नहीं मिलती थी. वह शराब पीता था और मारपीट करता था, इसके चलते समाज ने तो मेरा बहिष्कार कर ही दिया था, परिवार और रिश्तेदार भी पसंद नहीं करते थे.

सगे भाई की बीते चार दिसंबर को शादी थी, लेकिन मुझे नहीं बुलाया गया. यही नहीं, जिस भाई की शादी थी, उसी ने मेरी पहली पत्नी को पीट दिया था. उसके बाद वह मायके चली गई और फिर कभी वापस नहीं आई. इन सब बातों से मेरे मन में बहुत पीड़ा थी. मैं छोटे भाई की शादी के बाद घर आया और अपना विरोध जताने के साथ ही पैतृक प्रॉपर्टी में हिस्सा भी मांग रहा था. ऐसे में मेरी कुछ भी सुनने के बजाय सभी लोगों ने मिलकर मुझे ही पीट दिया. ऐसे में मैं बदला लेने के लिए सभी को रास्ते से हटाने के लिए इस तरह की साजिश रची और घर में सभी को बंद कर आग लगा दी थी, लेकिन यह मुझसे बहुत बड़ी गलती हो गई.

आरोपी पुलिस से गुहार लगा रहा था

आरोपी पुलिस से उस समय अपनी दूसरी पत्नी और दोनों बेटों से मिलने के लिए गुहार लगा रहा था. वह रोते हुए कह रहा था कि मैं अपने बच्चों और पत्नी का भविष्य बेहतर करने के लिए बाहर रहकर मजदूरी करता था, लेकिन मेरे गुस्से व बुरी आदतों ने सब कुछ खत्म कर दिया. अब किसके लिए मैं जिंदा रहूंगा. उसने पुलिस को बताया था कि घटना को अंजाम देने के बाद में तमाम लोगों के पास गया, लेकिन किसी ने मुझे शरण नहीं दी. ऐसे में मैं जहां काम करता था हरियाणा के सोनीपत चला गया. वहां के ठेकेदार को पूरी घटना की जानकारी थी. ऐसे में उसने मुझे वहां से भगा दिया, तब मैं परेशान होकर गोरखपुर वापस आया और यहां से नेपाल भागने की फिराक में था, लेकिन पुलिस ने मुझे गिरफ्तार कर लिया.

पिता मुन्नीलाल का रो-रोकर बुरा हाल है. उनका कहना था कि जब तीन बेटे मुझे हुए तो लगा कि मैं इस संसार का सबसे धनी व्यक्ति हूं. मेरे बेटे मेरे अंतिम समय में कंधा देंगे, लेकिन एक बेटे के वहशीपन के चलते मेरी पूरी दुनिया उजड़ गई. मेरी दूसरी बहू भी चल बसी. उसकी 3 साल की बेटी रिद्धिमा अभी भी जीवन से संघर्ष कर रही है. उसका 6 साल का बेटा विवेक मुझसे पूछता है कि बाबा बहन कहां है? घटना वाले दिन संयोग अच्छा था कि वह अपने मामा के घर चला गया था, इस नाते बच गया, नहीं तो उसकी भी मौत हो जाती.

क्या बोले पुलिस अधिकारी?

घटना के संबंध में सीओ कैम्पियरगंज गौरव तिवारी ने कहा कि मधु की मौत के बाद उसके गांव के लोगों और रिश्तेदारों में काफी आक्रोश था. लोगों ने मार्ग को जाम कर दिया था, लेकिन उनको समझा- बुझाकर आवागमन को सुचारु किया गया. आरोपी को पहले ही गिरफ्तार किया जा चुका है.

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