सभी कार्यों में यज्ञ सर्वश्रेष्ठ: आर्य
हलवासिया विद्या विहार में यज्ञ के माध्यम से हुई नए सत्र के आगमन की तैयारी

सोमवीर शर्मा
भिवानी (ब्यूरो): हलवासिया विद्या विहार में वैदिक मंत्रोंच्चारण और हवन पूजन के साथ नए शैक्षणिक सत्र के आगमन की तैयारी की गई। प्राचार्य विमलेश आर्य ने वैदिक रीति से मंत्रों की विस्तारपूर्वक व्याख्या करते हुए अनुष्ठान विधिवत् पूर्ण करवाया। इस अवसर पर अध्यापकवृदं तथा सहकर्मचारियों ने बारी -बारी से आहुतियांँ डाली। प्राचार्य विमलेश आर्य ने यज्ञ करने के उद्देश्य से परिचित करवाते हुए बताया कि विद्यालय में पुराने सत्र की कुशलतापूर्वक समाप्ति होने जा रही है और ईश्वर को याद करके सर्वश्रेष्ठ कर्म ‘यज्ञ’ नए सत्र के कुशल आगमन की तैयारी हेतु भी किया जा रहा है। उन्होंने यज्ञ की महत्ता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि सभी कार्यों में यज्ञ सर्वश्रेष्ठ है। यज्ञ मनोकामनाओं को सिद्ध करने वाला होता है तथा प्रभु के सामीप्य की अनुभूति कराता है। वेदों में ‘अग्नि’ परमेश्वर के रूप में वंदनीय है। उन्होंने यज्ञ के तीन अर्थ संगतिकरण, दान व पूजा की जानकारी के साथ-साथ गायत्री मंत्र की विस्तृत व्याख्या भी की। साथ ही उन्होंने होली पर्व की महता पर प्रकाश डालते हुए बताया कि भारत एक कृषि प्रधान देश है। होली का त्योहार आने पर फसल पकने लग जाती है और किसान होली के त्योहार पर पकी हुई फसल को ‘अग्निदेव’ को आहुति के रूप में समर्पित करने को एक शुभ परंपरा मानते हैं। इस अवसर पर उन्होंने सभी को होली पर्व की शुभकामनाएंँ दी और होली को सद्भावना दिवस बताते हुए आपसी वैमनस्य को समाप्त करने का भी सूचक बताया। आचार्या अनुराधा के द्वारा सुमधुर कंठ से भजन ‘अजब हैरान हूंँ भगवन’ की शानदार प्रस्तुति दी गई। राष्ट्र प्रार्थना व शांति पाठ के साथ यज्ञ का समापन हुआ और सभी कर्मचारियों को मिठाई के रूप में प्रसाद वितरण किया गया। माध्यमिक विभाग प्रमुख सुवीरा गर्ग ने विद्यालय में होने वाले मासिक हवन में प्रत्येक अध्यापक के जन्मदिन पर उनको यजमान बनने के लिए प्रेरित भी किया। इस अवसर पर उपप्राचार्या सरला शर्मा, वरिष्ठ विभाग प्रमुख एलेग्जेंडर दास अमरेंद्र कुमार व विद्यालय का समस्त स्टाफ उपस्थित रहा।