साइन्सहरियाणा

टीआईटी में डीएसए और फ्रंट एंड विकास पर कार्यशाला आयोजित

भिवानी, (ब्यूरो): प्रतिष्ठित शिक्षण संस्थान टीआईटी में एक राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसका मुख्य विषय डीएसए और फ्रंट एंड विकास था। यह कार्यशाला संस्थान के परिसर में संपन्न हुई, जिसमें विभिन्न विषयों पर चर्चा की गई और छात्रों को इन तकनीकी क्षेत्रों के महत्व के बारे में जानकारी दी गई। कार्यशाला के आयोजन में हिंदुस्तान गम एन्ड केमिकल तथा भिवानी एलगोरिदम की भी सहभागिता रही। हिंदुस्तान गम एन्ड केमिकल की इस तकनीकी कार्यशाला में सहभागिता उनके शिक्षा और कौशल विकास के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है। कार्यशाला की शुरुआत संस्थान के निर्देशक प्रो. बीके बेहरा द्वारा स्वागत भाषण से हुई, जिसमें उन्होंने अतिथियों का स्वागत करते हिए इस बात पर बल दिया कि इस प्रकार की कार्यशालाओं से छात्रों का सामायिक कौशालन सुनिश्चित होता है। कंप्यूटर इंजिनियरिंग विभाग की अध्यक्षा डॉ ज्योति चौधरी ने इस कार्यशाला के उद्देश्यों और इसके महत्व पर प्रकाश डाला। डॉ. चौधरी ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम छात्रों के लिए अपने कौशल को और अधिक निखारने का एक बेहतरीन अवसर हैं। कार्यशाला के संयोजन और संचालन का प्रभार डॉ निधि शर्मा ने सुचारू रूप से वहन किया। कार्यशाला के मुख्य अतिथि योगेश शांडिल्य, एसोसिएट बिजनेस हेड, ने अपने उद्घाटन संबोधन में तकनीकी क्षेत्र में हो रहे विकास के बारे में बताया और विद्यार्थियों को अपनी मेहनत और निरंतर अभ्यास के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि इंजिनयरिंग के छात्रों के लिए आज के समय अत्यधिक प्रतिस्पर्धा है जिसका सीधा अर्थ यह लगाया जा सकता है कि रोजगार के अवसरों में कमी नहीं है। यदि विद्यार्थियों को सही समय पर कौशल सम्बन्धी मार्गदर्शन मिल जाए तो सफलता की संभावना प्रबल हो जाती है। इस अवसर पर कनक गौतम, प्रोडक्ट इंजीनियर और प्रशिक्षक, और दीपक चौहान, कम्युनिटी मैनेजर, को विशिष्ट अतिथि के रूप में सम्मानित किया गया। दोनों अतिथियों ने कार्यशाला के विषय पर अपनी विस्तृत जानकारियां साझा की और छात्रों को प्रेरित किया। भिवानी एलगोरिदम से अजय कुमार उपस्थित रहे। ध्याताव्य है कि अजय कुमार संस्थान के पूर्व छात्र भी हैं। उनकी उपस्थिति इस बात का द्योतक है कि संस्थान के पूर्व छात्र संस्थान के साथ जुड़ाव का अनुभव रखते हैं और समय समय पर विभिन्न गतिविधियों में सहभागिता करते हैं। कार्यशाला में प्रमुख रूप से वरिष्ठ प्रोफेसरगण, सभी विभागाध्यक्ष, कर्मचारी और छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे। इस दौरान कार्यशाला में डेटा संरचनाओं और फ्रंट एंड विकास के विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की गई और विद्यार्थियों को इन क्षेत्रों में आने वाले अवसरों के बारे में जानकारी दी गई। यह कार्यशाला एक सफल और प्रेरणादायक कार्यक्रम साबित हुआ, जिससे छात्रों को नई तकनीकी ज्ञान प्राप्त करने का बेहतरीन अवसर मिला।

Related Articles

Back to top button