महिलाएं व बच्चे मदद के लिए हेल्पलाइन 181 पर करें संपर्क: सीजेएम
सीजेएम पवन कुमार ने सखी वन स्टॉप सेंटर का किया औचक निरीक्षण

सोमवीर शर्मा
भिवानी (ब्यूरो): जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के चेयरमैन तथा जिला एवं सत्र न्यायाधीश देशराज चालिया के निर्देशानुसार और जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव एवं सीजेएम पवन कुमार ने सखी वन स्टॉप सेंटर का औचक निरीक्षण किया।
इस दौरान सीजेएम पवन कुमार ने हिंसा की शिकार महिलाओं से संबंधित केस रजिस्टर की भी जांच की, जिन्हें इस केंद्र द्वारा इलाज, कानूनी सहायता और मानसिक राहत के लिए परामर्श और सहायता प्रदान की गई है। उन्होंने यहां तैनात अधिकारी से कहा कि सखी वन स्टाप सेंटर पर मदद के लिए आने वाली हर पीडि़त महिला, जिसे नि:शुल्क कानूनी सहायता या वकील की सेवाएं चाहिए। वह तुरंत जिला कानूनी सेवाएं अथॉरिटी के कार्यालय में संपर्क करें। उन्होंने कहा कि सखी वन स्टाप सेंटर द्वारा हिंसा की शिकार महिलाओं को दी जाने वाली सुविधाओं के बारे में आमजन को जागरूक किया जाए, ताकि मुश्किल की घड़ी में महिलाओं को इस केंद्र से सुविधाएं मिल सकें। उन्होंने कहा कि अगर आम लोगों में इस बारे में जागरूकता होगी तो जरूरतमंद महिलाएं जरूरत पडऩे पर इस सखी वन सेंटर का लाभ उठा सकेंगी। सीजेएम-कम-सचिव ने कहा कि महिलाएं व बच्चे मदद के लिए हेल्पलाइन 181 पर संपर्क कर सकते है। हिंसा से प्रभावित महिलाओं को 24 घंटे आवश्यक सहायता प्रदान की जा रही है। उन्होंने बताया कि वन स्टॉप सेंटर का मुख्य उद्देश्य पीडि़त महिलाओं को एक छत के नीचे एकीकृत समर्थन और सहायता प्रदान करना है।
मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी ने बताया कि सखी सेंटर में प्रदान की जाने वाली सुविधाओं में दुष्कर्म, घरेलू हिंसा, तेजाब पीडि़त, मानव तस्करी, बाल विवाह, साइबर क्राइम, गायब होने, अपहरण, दहेज आदि महिलाओं व लड़कियों को वन स्टाप सेंटर पर तत्काल मदद मुहैया करवाई जाती हैं। उन्होंने बताया कि पीडि़त महिलाओं को एक फोन काल पर तत्काल मदद, पीडि़त महिलाओं के लिए मेडिकल जांच इलाज की व्यवस्था, महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए उनके लिए रोजगार उपलब्ध करवाना, आपात स्थिति में रहने-खाने और इलाज की सुविधा उपलब्ध, सेंटर में कानूनी सलाह के लिए पैनल अधिवक्ता उपलब्ध कराना, साथ ही पीडि़त महिला एवं बालिका को मनोवैज्ञानिक परामर्श और काउंसलिंग की सुविधा प्रदान की जाती है। उन्होंने सखी वन स्टॉप सेंटर के अधिकारियों को पीडि़त महिलाओं को न्याय प्रभावी रूप से उपलब्ध कराने के आदेश दिए।