उत्तर प्रदेश

चुनावी शोर शराबे के थमने के साथ गुरु दर्शन, गोसेवा और बालप्रेम में रमे रहे CM योगी, बच्चों से की मुलाकात… होती रही रिमझिम बारिश

लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण का मतदान समाप्त होने के अगले दिन रविवार को जहां कई राजनेता चुनावी गणित समझने में उलझे रहे होंगे तो वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखनाथ मंदिर में प्रवास के दौरान गौसेवा और बच्चों से मुलाकात की।

लोकसभा चुनाव के अंतिम चरण का मतदान समाप्त होने के अगले दिन रविवार को जहां कई राजनेता चुनावी गणित समझने में उलझे रहे होंगे तो वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखनाथ मंदिर में प्रवास के दौरान गौसेवा और बच्चों से मुलाकात की। गोरखनाथ मंदिर प्रवास के दौरान मुख्यमंत्री एवं गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ की प्रातःकालीन दिनचर्या में बदलाव नहीं होता है। लोकसभा चुनाव को लेकर दो महीने की व्यस्तता के बीच सीएम जब भी मंदिर आए तो दर्शन-पूजन के साथ उन्हें बेहद आत्मीय संतोष देने वाली गौसेवा और बच्चों से मुलाकात-संवाद उनकी दिनचर्या का अपरिहार्य हिस्सा बनी रही।

बच्चों के माथे पर हाथ फेरकर प्यार-दुलार और आशीर्वाद दिया
बता दें कि योगी शुक्रवार शाम से गोरखनाथ मंदिर प्रवास पर हैं। रविवार उनकी दिनचर्या परंपरागत रही। शिवावतार गुरु गोरक्षनाथ का दर्श-पूजन कर उन्होंने लोकमंगल की कामना की। फिर अपने ब्रह्मलीन गुरुदेव महंत अवेद्यनाथ की समाधि पर जाकर मत्था टेका और उनका आशीर्वाद लिया। इसके बाद योगी हर बार की तरह वह मंदिर परिसर के भ्रमण पर निकले। इस दौरान रिमझिम बारिश शुरू हो गई लेकिन उनके कदम नहीं रुके। भ्रमण करते हुए परिसर में उनकी नजर श्रद्धालुओं के साथ आए उनके बच्चों पर पड़ गई। मुस्कुराते हुए मुख्यमंत्री ने बच्चों को अपने पास बुला लिया, सबके माथे पर हाथ फेरकर प्यार-दुलार और आशीर्वाद देने लगे। उन्होंने बच्चों से उनका नाम, उनकी पढ़ाई के बारे में पूछा, खूब हंसी ठिठोली की और सभी को चॉकलेट देकर विदा किया। बारिश की फुहारों के बीच मुख्यमंत्री का सानिध्य पाकर ये बच्चे काफी प्रफुल्लित नजर आ रहे थे। वह मंदिर परिसर का भ्रमण करते हुए गौशाला में पहुंचे। यहां गौवंश को उनके नाम श्यामा, गौरी, नंदी, भोला आदि से आवाज देकर अपने पास बुलाया।

काहें नाराज है, ले और खा ले
मुख्यमंत्री ने जब गोवंश को आवाज लगाई तो छोटी गायें और बछड़े भाव विह्वल होकर दौड़ते चले आए। मुख्यमंत्री ने सभी को दुलार किया और उन्हें गुड़ खिलाकर उनकी सेवा की। कई गोवंश तो उनके हाथों से गुड़ खाने के बाद उनसे लिपटने लगे। एक गौवंश की चंचलता देख योगी ने उसके माथे पर हाथ फेरा और प्यार से हंसते हुए, गुड़ देते हुए बोल पड़े, काहें नाराज है, ले और खा ले।

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