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महिला पुलिसकर्मी ने छात्रा के प्राइवेट पार्ट की ली तलाशी, CM हिमंत शर्मा ने दिया जांच के आदेश

गुवाहाटीः असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने सोमवार को पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) को निर्देश दिया कि वह परीक्षा हॉल में प्रवेश से पहले एक महिला कांस्टेबल द्वारा महिला अभ्यर्थी के निजी अंगों की तलाशी लिए जाने के आरोप की जांच करें। यह घटना नलबाड़ी की है जहां ‘समूह-तीन’ के पदों पर भर्ती के लिए परीक्षा आयोजित की गई थी। शर्मा ने यह भी कहा कि पुलिस महानिदेशक ने उन्हें उत्तरी लखीमपुर में एक अन्य घटना की जानकारी दी है, जहां परीक्षा के दौरान एक महिला अभ्यर्थी के पास से नकल सामग्री बरामद की गई।

शर्मा ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर कहा, ‘‘नलबाड़ी घटना पर पुलिस को मेरा निर्देश – मैंने असम के डीजीपी से बात की है और उन्हें उस घटना की जांच करने का निर्देश दिया, जिसमें एक छात्रा ने आरोप लगाया है कि एक महिला कांस्टेबल ने परीक्षा हॉल में प्रवेश करने से पहले उसके निजी अंगों की तलाशी ली थी।” उन्होंने कहा, “मेरे लिए हमारी माताओं और बहनों की गरिमा तथा सम्मान सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण है और इससे कोई समझौता नहीं किया जा सकता।”

शर्मा ने कहा कि सरकार के सामने असम सीधी भर्ती परीक्षा (एडीआरई) को पूरी तरह से ईमानदारी और पारदर्शिता के साथ आयोजित करने का महत्वपूर्ण जिम्मेदारी है। शर्मा ने कहा, “हमारी पूरी युवा पीढ़ी के प्रति यह जिम्मेदारी है और किसी भी परिस्थिति में इससे समझौता नहीं किया जा सकता।” उन्होंने कहा कि यह भी सुनिश्चित करना चाहिए कि महिला अथ्यर्थियों की गिरमा हमेशा बरकरार रहे।

मुख्यमंत्री ने कहा, “महिलाओं से संबंधित तलाशी के संबंध में माननीय न्यायालयों के प्रासंगिक निर्णयों और महिला आयोग के दिशानिर्देशों को ध्यान में रखते हुए एक उचित मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) विकसित की जानी चाहिए और इसे अगली परीक्षा से पहले प्रसारित किया जाना चाहिए।”

असम में समूह-तीन के रिक्त पदों को भरने के लिए सीधी भर्ती परीक्षा रविवार को कड़ी सुरक्षा के बीच आयोजित की गई जिस दौरान राज्य भर में साढ़े तीन घंटे तक इंटरनेट सेवाएं निलंबित रहीं। प्रतियोगी परीक्षा के दौरान किसी अप्रिय घटना की सूचना नहीं मिली। मुख्यमंत्री ने कहा कि पहला एडीआरई शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुआ और उन्होंने असम सरकार के सभी अधिकारियों तथा कर्मचारियों के प्रति गहरा आभार व्यक्त किया, जिन्होंने बिना किसी समस्या के इस महत्वपूर्ण कार्य को सफलतापूर्वक पूरा किया। राज्य भर में 2,305 केंद्रों पर कुल 11,23,204 अभ्यर्थी परीक्षा देने के लिए पात्र थे।

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