Business

भारत बना दुनिया का सबसे सस्ता मैन्युफैक्चरिंग हब, चीन और वियतनाम रह गए पीछे

भारत अब दुनिया में सबसे सस्ती मैन्युफैक्चरिंग कॉस्ट वाला देश बन गया है. यह दावा US News & World Report ने किया है. इस रिपोर्ट के मुताबिक, भारत ने चीन और वियतनाम जैसे देशों को भी पीछे छोड़ दिया है और सबसे सस्ता उत्पादन केंद्र बनकर उभरा है. यह उपलब्धि भारत की तेजी से उभरती विनिर्माण क्षमता और प्रतिस्पर्धात्मक लागत की ओर संकेत करती है.

भारत नंबर 1

वर्ल्ड ऑफ स्टेटिस्टिक्स (World of Statistics) ने इस रिपोर्ट के आधार पर ट्विटर पर 89 देशों की लिस्ट जारी की है, जिसमें दुनिया में सबसे कम मैन्युफैक्चरिंग लागत वाले देशों की रैंकिंग दी गई है. भारत इस सूची में पहले स्थान पर है, जबकि चीन दूसरे और वियतनाम तीसरे स्थान पर हैं. यह लिस्ट वैश्विक विनिर्माण जगत में भारत की बढ़ती अहमियत को दर्शाती है.

इस लिस्ट के टॉप-10 देशों में भारत के अलावा थाईलैंड, फिलीपींस, बांग्लादेश, इंडोनेशिया, कंबोडिया, मलेशिया और श्रीलंका शामिल हैं. इन सभी देशों में उत्पादन लागत अपेक्षाकृत कम है, जिससे ये देश वैश्विक कंपनियों के लिए आकर्षक मैन्युफैक्चरिंग डेस्टिनेशन बनते जा रहे हैं.

चौथे स्थान पर थाईलैंड, पांचवें पर फिलीपींस, छठे पर बांग्लादेश, सातवें पर इंडोनेशिया, आठवें पर कंबोडिया, नौवें पर मलेशिया और दसवें स्थान पर श्रीलंका है. इस रैंकिंग में अफ्रीकी और दक्षिण अमेरिकी देश जैसे घाना, केन्या, साउथ अफ्रीका, कोलंबिया और ब्राजील भी शामिल हैं, जो बढ़ते विनिर्माण बाजार के तौर पर उभर रहे हैं.

मेक इन इंडिया का जलवा

इस रिपोर्ट से यह स्पष्ट होता है कि भारत वैश्विक विनिर्माण का नया केंद्र बन सकता है. भारत की कम लागत, विशाल श्रमबल, बेहतर लॉजिस्टिक्स और सरकार द्वारा लगातार किए जा रहे नीतिगत सुधार देश को मेक इन इंडिया जैसी पहल के माध्यम से विनिर्माण के लिए आदर्श गंतव्य बना रहे हैं. विशेषज्ञ मानते हैं कि यदि भारत इसी तरह आगे बढ़ता रहा, तो निकट भविष्य में यह न केवल उत्पादन लागत के मामले में बल्कि गुणवत्ता और निर्यात में भी वैश्विक प्रतिस्पर्धा में अग्रणी बन सकता है.

Related Articles

Back to top button