झारखंड की मंईयां को 2500 रुपए देने के लिए हेमंत सोरेन ने संथाल को ही क्यों चुना?
झारखंड की हेमंत सोरेन सरकार अब महिला सम्मान योजना की राशि 1000 रुपए से बढ़ाकर 2500 रुपए प्रतिमाह करने जा रही है. इस बढ़ी हुई राशि की सौगात मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन 14 दिसंबर से संथाल परगना की धरती से शुभारंभ कर देने जा रहे हैं. योजना का सीधा फायदा राज्य के 50 लाख महिलाओं को मिलेगा. चुनाव से पहले मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इसकी घोषणा की थी.
जानकारी के मुताबिक मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन 14 दिसंबर को अपने विधानसभा क्षेत्र बरहेट से मंईयां (मैया) सम्मान योजना के तहत पांचवी किस्त के रूप में 2500 रुपए की राशि महिला लाभार्थियों के खाते में भेजने की शुरुआत करेंगे.
संथाल को ही हेमंत सोरेन ने क्यों चुना?
आमतौर पर पूरे राज्य की योजना रांची से लागू की जाती रही है, लेकिन मंईयां (मैया) सम्मान की जो बढ़ी हुई किस्त हेमंत लाभार्थियों को भेजने जा रहे हैं, उसके लिए उन्होंने संथाल परगना को चुना है. सवाल उठ रहा है कि हेमंत ने आखिर ऐसा क्यों किया है?
1. संथाल हेमंत के लिए लकी माना जाता है. मंईयां सम्मान योजना की शुरुआत भी हेमंत ने संथाल की धरती से ही किया था. 18 अग्सत 2024 को हेमंत ने संथाल के अंतर्गत पाकुड़ जिले के महेशपुर प्रखंड के गायबथान गांव से इस योजना की शुरुआत की थी. हेमंत की यह योजना पूरे चुनाव में गेमचेंजर साबित हुआ.
2. संथाल को झारखंड मुक्ति मोर्चा का गढ़ माना जाता है. दिशोम गुरू शिबू सोरेन का यह राजनीतिक कार्यक्षेत्र भी रहा है. सोरेन परिवार के दो सदस्य (हेमंत और बसंत) इसी क्षेत्र से विधायक हैं. हालिया विधानसभा चुनाव में संथाल की 18 में 17 सीटों पर इंडिया गठबंधन ने जीत हासिल की है.
3. लोकसभा चुनाव में भी संथाल की 3 में से 2 सीटों पर झारखंड मुक्ति मोर्चा ने जीत हासिल की थी. वो भी उस वक्त, जब हेमंत सोरेन जेल में बंद थे. झामुमो को संथाल की राजमहल और दुमका सीट पर जीत मिली थी.
सरकार ने पैसे का विशेष इंतजाम किया
सरकार ने मंईयां सम्मान योजना के लाभार्थियों को लाभ पहुंचाने के लिए छठी झारखंड विधानसभा के पहले सत्र के दौरान 11697 करोड़ रुपए का दूसरा अनुपूरक बजट पेश किया. इस बजट की राशि में से मुख्यमंत्री मैया सम्मान योजना संचालित करने वाले विभाग महिला बाल विकास एवं सामाजिक सुरक्षा विभाग को सबसे अधिक 6390.55 करोड रुपए का परिव्यय प्रस्तावित किया गया.
इसके साथ ही 200 यूनिट फ्री बिजली और बिजली बिल माफी करने वाले ऊर्जा विभाग को 2577.92 करोड रुपए का दूसरा सबसे बड़ा बजट प्रस्तावित किया गया है.
सरकार का कहना है कि इस योजना को चालू रखने के लिए अगले वित्त वर्ष से निबंधन, खनन और आबकारी क्षेत्र से राजस्व स्रोत बनाए जाएंगे.