राजधानी लखनऊ में थम नहीं रही कुत्तों से क्रूरताः डेढ़ साल के कुत्ते की पीटकर हत्या, FIR दर्ज
राजधानी में कुत्तों से क्रूरता का मामला थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। एक खत्म नहीं होता दूसरा सामने आ जाता है। बीते दिनों एक बुजुर्ग ने गली में लेटे दो पिल्लों को गर्दन मरोड़कर मार डाला फिर लिफाफे में भरकर फेंक दिया।
लखनऊ: राजधानी में कुत्तों से क्रूरता का मामला थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। एक खत्म नहीं होता दूसरा सामने आ जाता है। बीते दिनों एक बुजुर्ग ने गली में लेटे दो पिल्लों को गर्दन मरोड़कर मार डाला फिर लिफाफे में भरकर फेंक दिया। अब इसी तरह का एक और मामला सामने आया है। चौक के दल्लाली मोहल्ले में डेढ़ साल के कुत्ते की डंडे से पीटकर हत्या कर दी गई। इस मामले में पशु प्रेमी फरहत बानों दुर्रानी ने चौक थाने में सईद पर आरोप लगाते हुए तहरीर दी। जिस पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज कर लिया है। फरहत ने पुलिस पर भी लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है।
आरोप, पुलिस ने शिकायत ही गायब कर दी
पशु प्रेमी फरहत बानो के मुताबिक दल्लाली मोहल्ले की गली में करीब डेढ़ साल का एक कुत्ता रहता था। छह महीने पहले कुत्ते के मां की पीटकर हत्या कर दी गई थी। स्थानीय लोगों ने पहले उसकी जांघ पर मारा। इससे संक्रमण हो गया और कुत्ते की मौत हो गई। फरहत ने बताया कि कुत्ते के पैर में मारा गया था। मैं उसका इलाज कर रही थी। पैर में जख्म ज्यादा गहरा था। फरहत ने बताया कि चौकी इंचार्ज पाटानाला को मामले की शिकायत 15 मई को दी। महिला का कहना है कि पहली बार शिकायत देने के बाद पुलिस ने शिकायत गायब कर दी।
मुंह पर डंडे से किया वार
फरहत का आरोप है कि 14 मई की रात में कुत्ता सो रहा था। इसी दौरान उसकी पीटकर हत्या कर दी गई। आरोप है कि कुत्ता सो रहा था। इस दौरान उसके मुंह में डंडे मारे गए। इससे उसके मुंह से खून निकल रहा था। दो दिन बाद कुत्ते का शव उठाने पर उसकी नाक का हिस्सा और दांत वहां पर मिला। सूचना के बाद मौके पर पहुंच कर देखा और तस्वीरें भी लीं।
यह है सजा का प्रावधान
आईपीसी की धारा 428, 429 और पीसीए एक्ट की धारा 11 के तहत गली के आवारा कुत्तों को मारना दंडनीय अपराध है। ज्यादा से ज्यादा इनकी रोकथाम के लिए नसबंदी की जा सकती है। सरकार की नीति और एनिमल बर्थ कंट्रोल 2011 के तहत जिस क्षेत्र में इन आवारा कुत्तों का आतंक है, वहां इनकी नसबंदी के बाद उसे वापस भेजा जाएगा और इन्हें मारा नहीं जा सकता। यदि कोई इन आवारा कुत्तों या मवेशियों को परेशान करेगा या मारने की कोशिश करेगा तो इसकी शिकायत पुलिस थाने में भी की जा सकेगी।
किस धारा के तहत कितनी सजा
धारा 428 : पशुओं को मारना और जहर देना या उसे अपाहिज करने पर दो साल की कैद या दंड तथा दोनों दिया जा सकता है।
धारा 429 : पशुओं को मार डालने, जहर देना या अपाहिज कर देने पर पांच साल की सजा या दंड या फिर दोनों दिया जा सकता है।