कौन होगा लोकसभा स्पीकर?, ओम बिरला या फिर नए चेहरे पर दांव लगा सकती है BJP
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को मंत्रियों के विभागों का बंटवारा कर दिया। इसके बाद सभी मंत्रियों ने अपने ऑफिस जाकर मंगलवार को चार्ज ले लिया है। अब लोकसभा के गठन की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को मंत्रियों के विभागों का बंटवारा कर दिया। इसके बाद सभी मंत्रियों ने अपने ऑफिस जाकर मंगलवार को चार्ज ले लिया है। अब लोकसभा के गठन की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं। सूत्रों के मुताबिक, 18 जून से 18वीं लोकसभा का पहला सत्र शुरू हो सकता है। इसके बाद प्रोटेम स्पीकर बनाया जाएगा। प्रोटेम स्पीकर सभी सांसदों को शपथग्रहण कराएंगे। माना जा रहा है कि सांसदों के शपथग्रहण के बाद स्पीकर के लिए चुनाव होगा।
अब सबकी निगाहें इस पर टिक गई हैं कि लोकसभा स्पीकर कौन होगा। लोकसभा स्पीकर के लिए टीडीपी ने दावा ठोक दिया है। वहीं, जेडीयू भी इस पर पद पर दावा ठोक रही है। 26 जून को स्पीकर के पद का चुनाव होने की संभावना है। इस बार भारतीय जनता पार्टी (BJP) बहुमत का आंकड़ा पार नहीं कर सकी इसलिए सहयोगी दलों के साथ मिलकर एनडीए की सरकार बनाई।
फिर से ओम बिरला बन सकते हैं लोकसभा स्पीकर
17वीं लोकसभा में ओम बिरला लोकसभा के स्पीकर चुने गए थे। ओम बिरला राजस्थान की कोटा लोकसभा सीट से तीसरी बार चुनाव जीतकर पहुंचे हैं। माना ये भी जा रहा है कि ओम बिरला को दोबारा लोकसभा स्पीकर बनाया जा सकता है। ओम बिरला दलित चेहरा हैं और इस पर किसी भी पार्टी को आपत्ति नहीं होगी। पिछली लोकसभा में ओम बिरला निर्विरोध स्पीकर चुने गए थे। हालांकि, इस बार के समीकरण अलग हैं।
सूत्रों के मुताबिक, बीजेपी स्पीकर पद अपने पास रखेगी और इस रेस में दूसरा नाम आंध्र प्रदेश बीजेपी की अध्यक्ष दुग्गुबति पुरंदेश्वरी का नाम है। पुरंदेश्वरी इस बार राजमुंदरी लोकसभा सीट से चुनाव जीती हैं। सूत्रों के अनुसार पार्टी को लगता है कि अगर पुरंदेश्वरी को स्पीकर बनाया जाता है तो टीडीपी और चंद्रबाबू नायडू इसे लेकर कोई आपत्ति नहीं जताएंगे। लोकसभा चुनाव में राज्य में टीडीपी और जनसेना के साथ बीजेपी के गठबंधन में दुग्गुबति पुरंदेश्वरी ने अहम भूमिका निभाई थी और जनता ने भी गठबंधन पर भरोसा जताया।
कौन हैं दुग्गुबति पुरंदेश्वरी?
दुग्गुबति पुरंदेश्वरी पूर्व मुख्यमंत्री एनटी रामाराव की बेटी हैं और चंद्रबाबू नायडू की पत्नी नारा भुवनेश्वरी की बहन हैं। आंध्र प्रदेश बीजेपी चीफ के अलावा वह तीन बार की सांसद हैं। 2004 और 2009 में उन्होंने बापतला और विशाखापट्टनम से कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा था। कांग्रेस में आने से पहले वह और उनके पति दुग्गुबति वेंकटेश्वरा राव शुरुआत में चंद्रबाबू नायडू के साथ थे और उन्होंने मिलकर साल 1996 में टीडीपी में तख्तापलट के बाद एनटी रामाराव को मुख्यमंत्री पद से हटा दिया था।
इस घटना के बाद चंद्रबाबू नायडू ने पूरी टीडीपी को अपने कंट्रोल में करके पुरंदेश्वरी और वेंकटेश्वरा को साइडलाइन कर दिया। इस घटना से नाराज पुरंदेश्वरी ने राजनीति में उतरने का फैसला कर लिया और कांग्रेस में शामिल हो गईं। कांग्रेस के टिकट पर दो बार सांसद बनीं और यूपीए की सरकार में मनमोहन सिंह की कैबिनेट में केंद्रीय राज्य मंत्री का भी पदभार संभाला। हालांकि, आंध्र प्रदेश के विभाजन के कांग्रेस सरकार के फैसले से नाराज होकर वह बीजेपी में शामिल हो गईं और उन्हें पार्टी राष्ट्रीय महासचिव बना दिया गया। बाद में वह पार्टी के महिला विंग की राष्ट्रीय अध्यक्ष भी बनाई गईं।
दुग्गुबति पुरंदेश्वरी के स्पीकर बनने का विरोध कर सकते हैं चंद्रबाबू नायडू?
दुग्गुबति पुरंदेश्वरी को अगर बीजेपी स्पीकर बनाती है तो इसकी संभावना कम है कि चंद्रबाबू नायडू उनका विरोध करें। एक तो वह उनकी रिश्तेदार है। हालांकि, वह कभी भी नायडू की समर्थक नहीं रही हैं, लेकिन लोकसभा और विधानसभा चुनाव में बीजेपी-टीडीपी गठबंधन में उन्होंने अहम भूमिका निभाई। वहीं, एनटी रामाराव की सरकार के तख्तापलट के समय वह चंद्रबाबू नायडू का साथ दिया था।