बुराईयों का विनाश करने के लिए दिव्यशक्तियां धरा पर आती हैं: बीके कीर्ति
भिवानी, (ब्यूरो): नवरात्रि के पावन पर्व पर प्रजापिता ब्रह्माकुमारीज की शाखा सिद्धि धाम में राजयोगिनी बीके सुमित्रा बहन के सानिध्य में आध्यात्मिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में उपस्थितजनों को संबोधित करते हुए राजयोगिनी बीके कीर्ति बहन ने नवरात्रि पर्व का आध्यात्मिक भेद समझाया। बीके कीर्ति ने बताया कि जब धरा पर बुराईयों का आलम छा जाता है तब दिव्यशक्तियां उन असुरी शक्तियों का विनाश करने के लिए देवीस्वरूपा बन कर आती हैं। उन्होंने बताया कि बुराइयों का अर्थात महिषासुर का खात्मा हो जाएगा वास्तव में महिषासुर बुराई एवं अज्ञानता का प्रतीक है मां दुर्गा निर्भयता एवं श्रेष्ठता का प्रतीक है। शेर जो कि दुर्गा मां का वाहन दिखाया गया है वह साहस का प्रतीक है । उन्होंने कहा कि वर्ष में नवरात्र चार बार आते हैं जिनमें दो बार कन्याओं का पूजन किया जाता है। हम नवरात्रों में तो कन्याओं को देवी का स्वरूप या अवतार मानते हैं लेकिन अन्य दिनों में हमारी उनके प्रति सोच बदल जाती है। अगर हम हर दिन कन्याओं व बेटियों को आदिशक्ति या देवी की दृष्टि से देखें तो इस संसार से घृणित कार्य खत्म हो जाएंगे और धरती पर स्वर्ग जैसा नजारा देखने को मिलेगा यही बाबा की इच्छा थी। इसलिए हमें ईश्वरी नियमों का पालन करने की आवश्यकता है। हम अपने लक्ष्य से कभी ना भटकें, हर कार्य मर्यादा में रह कर करें। इस अवसर पर बीके भीम सिंह चौहान, बीके आरती, बीके पूनम, बीके अनीता, बीके कंवर बाई, बीके ऊषा, बीके कमलेश, बीके सरोज, बीके कमला, बीके सुषमा, बीके नीलम, बीके सुनील, बीके लक्ष्मीनारायण व मीडिया कॉर्डिनेटर बीके धर्मवीर सहित अनेक ब्रह्मावत्स उपस्थित रहे।




