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कब तय होगी जवाबदेही? वडोदरा में ब्रिज गिरने पर कांग्रेस नेता पवन खेड़ा का गुजरात सरकार पर हमला

गुजरात के वडोदरा जिले में बुधवार सुबह एक पुल ढहने की दर्दनाक घटना में 12 लोगों की मौत हो गई. हादसे के बाद सियासी आरोप-प्रत्यारोप तेज हो गए हैं. कांग्रेस ने इस हादसे को राज्य सरकार की घोर लापरवाही करार देते हुए मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल की अगुवाई वाली सरकार पर कड़ी आलोचना की है.

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) के मीडिया एवं प्रचार विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने इस हादसे को लेकर कहा कि गुजरात में पुल हादसे अब दुर्घटना नहीं, बल्कि अपराध बन चुके हैं.

उन्होंने कहा, जो एक बार हो, वो हादसा होता है, लेकिन जो बार-बार हो, वो अपराध होता है. मोरबी पुल हादसे में लगभग 150 जानें गईं, फिर भी सरकार नहीं चेती. आज वडोदरा में गंभीरा पुल गिरा और 9 से ज्यादा लोगों की जान गई. लगातार मरम्मत और निरीक्षण की बातें होती रहीं, लेकिन सरकार लीपापोती करती रही. नाम विकास का, काम विनाश का!

कांग्रेस ने चेतावनी दी, अनदेखी का लगाया आरोप

इससे पहले कांग्रेस नेता अमित चावड़ा ने भी सरकार की तीखी आलोचना करते हुए कहा कि पुल की हालत खराब होने की जानकारी पहले से थी, लेकिन सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की.

उन्होंने कहा, आनंद और वडोदरा जिलों को जोड़ने वाला गंभीरा पुल आज सुबह लगभग 7:30 बजे ढह गया. यह पुल सौराष्ट्र से मध्य गुजरात को जोड़ने वाला अहम मार्ग था. स्थानीय लोगों और नेताओं ने सरकार को कई बार पत्र लिखकर चेताया था कि पुल की हालत जर्जर है और इसकी मरम्मत जरूरी है, लेकिन सबको नजरअंदाज किया गया.

चावड़ा ने यह भी कहा कि सरकार की बेरुखी और समय रहते कदम न उठाने की वजह से यह हादसा हुआ. हादसे में एक ट्रक, एक वैन और एक कार पुल के टूटने से महिसागर नदी में जा गिरीं. मौके पर स्थानीय लोगों ने तुरंत राहत कार्य शुरू किया, इसके बाद पुलिस, दमकल विभाग और आपदा राहत बल की टीमों ने मोर्चा संभाला.

नियमित निरीक्षण और जवाबदेही पर सवाल

वडोदरा से लगभग 25 किलोमीटर दूर स्थित यह पुल भारी वाहनों के लिए महत्वपूर्ण मार्ग था, जिससे खासकर सौराष्ट्र की ओर यातायात होता था. कांग्रेस का आरोप है कि यह पुल लंबे समय से जर्जर था, लेकिन सरकार ने समय रहते जरूरी कदम नहीं उठाए. विपक्ष का कहना है कि पुलों की नियमित जांच और रखरखाव में लापरवाही के चलते राज्य में ऐसे हादसे बार-बार हो रहे हैं.

अब इस घटना को लेकर गुजरात सरकार पर जवाबदेही तय करने का दबाव बढ़ गया है. कांग्रेस ने मांग की है कि दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए और राज्य में सभी पुराने पुलों की तत्काल जांच कर मरम्मत सुनिश्चित की जाए.

सरकार की ओर से हादसे की जांच के आदेश दे दिए गए हैं, लेकिन विपक्ष इस पर संतुष्ट नहीं दिख रहा. कांग्रेस समेत अन्य दलों का कहना है कि मोरबी जैसी त्रासदियों से भी अगर सरकार ने सबक नहीं लिया, तो ऐसी घटनाएं फिर दोहराई जाती रहेंगी.

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