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थप्पड़ मारने पर कितनी सजा मिलती है, CISF महिला जवान पर क्या कार्रवाई हो सकती है?

भाजपा सांसद और एक्ट्रेस कंगना रनौत को चंड़ीगढ़ एयरपोर्ट पर CISF की महिला जवान ने थप्पड़ मारा. यह घटना तब हुई जब वो चंड़ीगढ़ से दिल्ली आ रही थीं. फ्लाइट पकड़ने से पहले एयरपोर्ट पर चेकिंग के दौरान CISF की महिला जवान कुलविंदर कौर ने उन्हें थप्पड़ मारा. इस घटना के बाद महिला जवान को हिरासत में ले लिया गया. महिला जवान से पूछताछ की जा रही है और कानूनी कार्रवाई की जाएगी.

ऐसे में सवाल है कि थप्पड़ मारने की सजा क्या है? आर्म्ड फोर्स में होने के नाते महिला जवान को कितनी सजा मिल सकती है, क्या इसके लिए जेल और जुर्माना दोनों लागू होगा? जानिए इस पर क्या कहता है कानून?

थप्पड़ मारने की सजा क्या है?

सुप्रीम कोर्ट के एडवोकेट आशीष पांडे कहते हैं, थप्पड़ मारने की स्थिति में आईपीसी की अलग-अलग धाराएं लगाई जा सकती हैं. यह निर्भर करता है कि थप्पड़ किन स्थितियों में मारा गया है. थप्पड़ मारना अपराध की श्रेणी में आता है. इसके लिए आईपीसी के सेक्शन 323 के तहत मामला दर्ज करके कार्रवाई की जा सकती है. सेक्शन 323 कहता है, अगर कोई किसी को जानबूझकर नुकसान या चाेट पहुंचाता है तो उसे एक साल की जेल हो सकती है. एक हजार रुपए जुर्माना लगाया जा सकता है.या जेल और जुर्माना दोनों लागू किया जा सकता है.

पेच यह भी हो सकता है कि शख्स ने बदसलूकी की हो और फिर सामने वाले शख्स ने इसकी प्रतिक्रिया दी हो, ऐसा होने पर सजा को बदला जा सकता है और केस भी खारिज किया जा सकता है. अगर किसी इंसान दूसरे को डराने के लिए अपराधिक बलों से या प्रतीकात्मक हमला करता है और उसे कोई क्षति नहीं होती है लेकिन पीड़ित घराबाता है तो आरोपी को सेक्शन 358 के तहत दोषी माना जा जाएगा.

भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 352 कहती है, अगर कोई शख्स बिना किसी उकसावे के पीड़ित पर हमला करता है या क्रिमिनल फोर्स का इस्तेमाल करता है. ऐसे मामलों में तीन महीने का कारावास और 500 रुपए का तक का जुर्माना भरना होता है या फिर कारावास और जुर्माना दोनों लागू किया जा सकता है.इसके अलावा आईपीसी के कई प्रावधान हैं जिसमें यह मामला दर्ज किया जा सकता है. हालांकि, जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद यह तय हो पाएगा कि कौन-कौन सी धाराएं लगाई गई हैं.

CISF महिला जवान को कितनी सजा मिलेगी?

एडवोकेट आशीष पांडे कहते हैं, इसक मामले में यह भी जांच का विषय हो सकता है कि क्या उस महिला जवान के पास कोई हथियार था? या थप्पड़ मारने के बाद सांसद को और नुकसान पहुंचाने का इरादा था. ड्यूटी के दौरान कानून थप्पड़ मारा, यह भी जांच में अहम पेच साबित हो सकता है. इसके अलावा सर्विस से जुड़ी कार्रवाई भी की जा सकती है. हालांकि,कार्रवाई कितनी होगी, यह जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद तय होगा.

एक्सपर्ट कहते हैं, जिस समय यह घटना हुई, उस समय क्या हालात थे, महिला जवान ने अचानक ऐसा किया या इसकी वजह कुछ और थी, या वजह सिर्फ किसान मुद्दे तक सीमित थी. पूरी रिपोर्ट और उसमें दर्ज धाराओं के आधार पर ही कुछ कहा जा सकता है.

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