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धनतेरस पर चमक सकता है सोना, क्या बनेगा 1.25 लाख का नया रिकॉर्ड?

सितंबर के महीने में गोल्ड की कीमतों ने जो अपनी रफ्तार दिखाई दिखाई है. मौजूदा साल में किसी भी महीने में देखने को नहीं मिली है. मौजूदा महीने का ​आधा हिस्सा ही खत्म हुआ है और दिल्ली के स्पॉट मार्केट में गोल्ड की कीमतों में 11 फीसदी की तेजी देखने को मिली है. वहीं दूसरी ओर चांदी के दाम में करीब 12 फीसदी का इजाफा देखने को मिल चुका है. उम्मीद इसी बात की है कि महीने के सेकंड हाफ में गोल्ड की कीमतों में और तेजी देखने को मिल सकती है.

जानकारों का तो ये भी कहना है कि गोल्ड का असली रंग तो आने वाले एक महीने में देखने को मिल सकता है. उसका कारण भी है. 22 सितंबर से नवरात्र शुरू हो जाएंगे. एसके कुछ हफ्तों के बाद धनतेरस और दिवाली का मौका होगा. तब तक दिल्ली में गोल्ड की कीमतें 1.25 लाख रुपए प्र​ति दस ग्राम तक पहुंच सकती है. वहीं चांदी के दाम 1.50 लाख रुपए तक आ सकते हैं. वैसे देश का वायदा बाजार भी इसी रेस में है. जहां गोल्ड और सिल्वर दोनों की कीमतें रिकॉर्ड लेवल पर पहुंच चुकी है. आइए आपको भी बताते हैं कि आखिर धनतेरस तक यानी अगले एक महीने में गोल्ड और सिल्वर दोनों को अपने बेंचमार्क तक पहुंचने के लिए और कितने इजाफे की जरुरत है.

दिल्ली में सोने और चांदी के दाम

कमजोर अमेरिकी डॉलर और फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दरों में कटौती की बढ़ती उम्मीदों के बीच मंगलवार को राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली के सर्राफा बाजार में सोने की कीमत 1,800 रुपए उछलकर 1,15,100 रुपये प्रति 10 ग्राम के नए रिकॉर्ड लेवल पर पहुंच गई. अखिल भारतीय सर्राफा संघ के अनुसार, इसके अलावा 99.5 फीसदी प्योरिटी वाला गोल्ड 1,800 रुपये बढ़कर 1,14,600 रुपये प्रति 10 ग्राम (सभी करों सहित) के रिकॉर्ड हाई पर देखने को मिला. स्थानीय सर्राफा बाजार में, पिछले कारोबारी सत्र में 99.9 फीसदी और 99.5 फीसदी प्योरिटी वाला सोना 500-500 रुपये गिरकर क्रमशः 1,13,300 रुपये और 1,12,800 रुपये प्रति 10 ग्राम पर बंद हुआ था.

एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक (कमोडिटीज) सौमिल गांधी के अनुसार कमजोर डॉलर और फेडरल रिजर्व द्वारा ब्याज दर कटौती की बढ़ती उम्मीदों के चलते मंगलवार को सोना एक और रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गया. डॉलर इंडेक्स दस हफ्तों के निचले स्तर पर आ गया है, जिससे कीमती धातुओं की कीमतों में तेजी को बल मिल रहा है. इसके अलावा, मंगलवार को चांदी 570 रुपए चढ़कर 1,32,870 रुपये प्रति किलोग्राम (सभी करों सहित) के लाइफ टाइम हाई पर दिखाई दी. सोमवार को चांदी 1,32,300 रुपये प्रति किलोग्राम पर बंद हुई थी.

सितंबर के फर्स्ट हाफ में कितना इजाफा?

अगर बात सितंबर महीने की करें तो दिल्ली में गोल्ड की कीमतों में जबरदस्त तेजी देखने को मिली है. अभी तक साल के किसी भी महीने में गोल्ड की कीमतों में इजाफा देखने को नहीं मिला है. आंकड़ों के अनुसार अगस्त महीने के आखिरी कारोबारी दिन दिल्ली में गोल्ड के दाम 1,03,670 रुपए प्रति दस ग्राम थे. जिसमें 16 सितंबर तक 11,430 रुपए का इजाफा देखने को मिल चुका है. इसका मतलब है कि सोने की कीमत 11.02 फीसदी उछलकर 1,15,100 रुपए के साथ रिकॉर्ड लेवल पर पहुंच गई है.

वहीं दूसरी ओर चांदी ने सोने के मुकाबले में निवेशकों को ज्यादा रिटर्न दिया है. इसका मतलब है कि सर्राफा बाजार में चांदी की चमक ज्यादा देखने को मिली है. ऐसा काफी देखने को मिलता है. अगर आंकड़ों को देखें तो पिछले महीने के आखिरी कारोबारी दिन दिल्ली में चांदी की कीमत 1,19,000 रुपए प्रति किलोग्राम देखने को मिली थी. जिसमें अब तक 13,870 रुपए का इजाफा देखने को मिल चुका है. इसका मतलब है कि चांदी की कीमतों में 11.65 फीसदी की तेजी देखने को मिल चुकी है और चांदी के दाम 1,32,870 रुपए प्रति किलोग्राम पर आ गई है.

क्या धनतेरस पर बेंचमार्क रिकॉर्ड बनाएंगे सोना चांदी?

मौजूदा समय में दिल्ली में सोने का बेंचमार्क 1.25 लाख रुपए है. जो अभी तक नहीं पहुंचा है. वहीं चांदी का अनुमान 1.50 लाख रुपए प्रति किलोग्राम लगाया जा रहा है. मौजूदा कीमत और रफ्तार को देखते हुए कोई भी यही कहेगा कि दिल्ली में गोल्ड और सिल्वर के दाम इसी महीने के अंत या दशहरे तक इस लेवल पर पहुंच जाएंगे. लेकिन पहले इसे जरा आंकड़ों से समझने की कोशिश करते हैं कि आखिर दोनों अपने अपने बेंचमार्क तक पहुंचने के लिए कितने रुपए और रफ्तार की जरुरत है.

पहले बात गोल्ड की करें तो सोने को 1.25 लाख रुपए का लेवल पार करने के लिए 10 हजार रुपयों की जरुरत है. इसका मतलब है कि गोल्ड को 8.60 फीसदी की तेजी चाहिए. वैसे ये तेजी अगले 15 दिनों में आसानी से देखने को मिल सकती है, लेकिन समस्या ये है कि जब सोने के दाम रिकॉर्ड लेवल पर पहुंचते हैं तो निवेशकों की ओर से मुनाफावसूली शुरू हो जाती है और डिमांड में भी कमी देखने को मिलती है, जिसकी वजह से सोने की कीमतों में रफ्तार मंद पड़ जाती है. ऐसा आने वाले दिनों में गोल्ड की कीमतों के साथ भी देखने को मिल सकता है. इसलिए जानकार इसका टारगेट धनतेरस और दिवाली तक रख रहे हैं.

वहीं दूसरी ओर चांदी की कीमतों में भी तेजी है. जोकि गोल्ड से ज्यादा है. ऐसे में सवाल ये है कि क्या अगले एक महीने में चांदी 1.50 का लेवल टच कर पाएगा. ये सवाल इसलिए अहम है कि चांदी की डिमांड डॉमेस्टिक कम और इंडस्ट्रीयल ज्यादा देखने को मिलती है. मौजूदा समय में चांदी का प्रोडक्शन भी काफी कम है. सप्लाई कम होने से चांदी की कीमतों में उछाल देखने को मिल रहा है. वैसे चांदी को 1.50 लाख रुपए तक पहुंचने के लिए 17,130 रुपए की जरुरत है. इसका मतलब है कि अगले एक महीने में चांदी को करीब 13 फीसदी की रफ्तार दिखानी होगी. जोकि कोई बड़ी बात नहीं है.

वायदा बाजार भी सोना चांदी रिकॉर्ड लेवल पर

वहीं दूसरी ओर वायदा बाजार में भी सोना और चांदी रिकॉर्ड लेवल पर देखने को मिल रहा है. मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज पर सोना मंगलवार को भले ही मामूली गिरावट देखने को मिली हो, लेकिन कारोबारी सत्र के दौरान सोना 1,10,666 रुपए प्रति दस ग्राम के साथ रिकॉर्ड लेवल पर पहुंच गए. जबकि बाजार बंद होने तक सोना 1,10,156 रुपए पर दिखाई दिया. वैसे सितंबर के महीने में एमसीएक्स पर गोल्ड के दाम में 6,332 रुपए यानी 6 फीसदी का इजाफा देखने को मिला है.

वहीं दूसरी ओर चांदी की कीमतों की बात करें तो वायदा बाजार में चांदी कारोबारी सत्र के दौरान 1,30,450 रुपए के साथ रिकॉर्ड लेवल पर दिखाई दी, लेकिन बाजार बंद होने तक मामूली गिरावट के साथ 1,28,820 रुपए पर दिखाई ​दी. वैसे सितंबर के महीने में चांदी की कीमत में 6,947 रुपए यानी 5.70 फीसदी का ही इजाफा देखने को मिला है. इसका मतलब है कि देश के वायदा बाजार में स्पॉट मार्केट के मुकाबले में कम तेजी देखने को मिली है.

फेड फैक्टर करेगा काम

या वेल्थ मैनेज्मेंट के डायरेक्टर अनुज गुप्ता के अनुसार गोल्ड की कीमतों में तेजी का प्रमुख कारण जियो पॉलिटिकल और ट्रेड टेंशन रही हैं. साथ ही दुनियाभर के सेंट्रल बैंक लगातार गोल्ड की बाइंग कर रहे है. साथ ही अमेरिकी सेंट्रल बैंक फेड रिजर्व भी ब्याज दरों में कटौती का मन बना चुका है. जिसकी वजह से डॉलर इंडेक्स में गिरावट देखने को मिल रही है और गोल्ड की कीमतों में इजाफा देखने को मिला है. उन्होंने कहा कि गोल्ड की कीमतों में तेजी जारी रह सकती है. उसका बड़ा कारण है फेड में ब्याज दरों में कटौती का ऐलान. जिसका असर आने वाले दिनों में जारी रह सकता है.

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