निवेशकों के लिए चेतावनी: SEBI ने बिना रजिस्ट्रेशन वाले बॉन्ड प्लेटफॉर्म को बताया जोखिम भरा

सेबी ने बुधवार को निवेशकों को चेतावनी देते हुए कहा कि नॉन-रजिस्टर्ड ऑनलाइन बॉन्ड प्लेटफॉर्म से सावधान रहें और इनसे लेनदेन करने से बचें. सेबी का कहना है कि ऐसे प्लेटफॉर्म पर न तो कोई रेगुलेटरी निगरानी होती है और न ही निवेशकों की सुरक्षा के लिए कोई व्यवस्था मौजूद रहती है. सेबी ने निवेशकों से अपील की है कि वे किसी भी ऑनलाइन बॉन्ड प्लेटफॉर्म पर लेनदेन करने से पहले उसका रजिस्ट्रेशन स्टेटस जरूर चेक करें और सिर्फ सेबी-रजिस्टर्ड प्लेटफॉर्म के साथ ही खरीद-बिक्री करें.
सेबी ने बाजार से जुड़े सभी लोगों को ये भी चेतावनी दी है कि अगर वे ऑनलाइन बॉन्ड प्लेटफॉर्म प्रोवाइडर (OBPP) की तरह कोई सेवा देना चाहते हैं, तो पहले उन्हें सेबी की ओर से तय नियमों का पालन करना होगा. सेबी को पता चला कि कुछ फिनटेक कंपनियां और शेयर ब्रोकर बिना जरूरी रजिस्ट्रेशन के ऑनलाइन बॉन्ड प्लेटफॉर्म की तरह सेवाएं दे रहे थे, जो नियमों के खिलाफ है.
नियमों का उल्लंघन संभव
सेबी ने कहा कि नॉन-रजिस्टर्ड प्लेटफॉर्म पर कोई निगरानी नहीं होती और न ही निवेशक सुरक्षा या शिकायत समाधान की सुविधा उपलब्ध होती है. ऐसे प्लेटफॉर्म की गतिविधियां कंपनी अधिनियम 2013, सेबी अधिनियम 1992 और उनसे जुड़े नियमों का उल्लंघन कर सकती हैं. सेबी ने 18 नवंबर 2024 को भी कुछ संस्थाओं के खिलाफ कार्रवाई करते हुए अंतरिम आदेश जारी किया था.
कॉरपोरेट बॉन्ड की ऑनलाइन खरीदारी
फिलहाल देश में 18 रजिस्टर्ड ऑनलाइन बॉन्ड प्लेटफॉर्म प्रोवाइडर (OBPP) हैं, जिनके जरिए निवेशक कॉरपोरेट बॉन्ड ऑनलाइन खरीद और बेच सकते हैं. उद्योग में पारदर्शिता लाने के लिए सेबी ने नवंबर 2022 में ऐसे प्लेटफॉर्म के लिए एक नया फ्रेमवर्क बनाया था. इसके तहत सभी ओबीपीपी को स्टॉक एक्सचेंज के डेट सेगमेंट में स्टॉकब्रोकर के रूप में रजिस्ट्रेशन अनिवार्य किया गया है.
OBPP ने क्या बदला?
OBPP ने भारत के बॉन्ड बाजार में रिटेल निवेशकों की भागीदारी बढ़ाने में बड़ी भूमिका निभाई है. इससे आम निवेशक भी आसानी से बॉन्ड खरीद सकते हैं. अर्न्स्ट एंड यंग की 2025 की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इन प्लेटफॉर्म्स ने बॉन्ड मार्केट को रिटेल निवेशकों के लिए खोल दिया है, जिससे अब बॉन्ड खरीदना शेयर ट्रेडिंग जितना आसान और पारदर्शी हो गया है.




