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महाराष्ट्र: स्थानीय निकाय चुनाव के पहले चरण में मतदान जारी, महायुति और MVA के बीच टक्कर, सुरक्षा कड़ी

महाराष्ट्र में स्थानीय स्वराज्य संस्थाओं के पहले चरण के चुनाव के लिए आज मंगलवार को वोट डाले जा रहे हैं. इस चरण में 246 नगरपरिषदों और 42 नगर पंचायतों में वोट पड़ेंगे. वोटिंग को लेकर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं. राज्य के छोटे शहरों की इन संस्थाओं में सत्ता हासिल करने के लिए सत्तारुढ़ महायुति ने जोरदार और हाई डेसीबल स्तर पर प्रचार किया, जबकि महा विकास आघाडी (एमवीए) बहुत ही लो प्रोफाइल रही और तीनों घटक दलों ने अपना प्रचार बहुत सीमित रखा.

चुनाव में मुख्य मुकाबला सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की अगुवाई वाले महायुति गठबंधन और विपक्षी गठबंधन एमवीए के बीच ही है. इस चुनाव से स्थानीय निकायों (नगर परिषद और नगर पंचायत) के 6,042 सदस्यों और 264 अध्यक्षों के भाग्य का फैसला होगा. वोटिंग सुबह 7.30 बजे से शुरू होगी और शाम 5.30 बजे तक चलेगी. वोटिंग को लेकर 12,316 केंद्र बनाए गए हैं.

निकाय चुनाव में EVM का इस्तेमाल

राज्य में करीब एक करोड़ वोटर्स ग्रामीण और शहरी स्थानीय निकायों के इस बहु-स्तरीय चुनाव के पहले चरण में वोट डाल सकेंगे. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार, महाराष्ट्र में चुनाव प्रक्रिया 31 जनवरी तक पूरी की जानी है. अलग-अलग जिलों में होने वाले चुनावों में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन का इस्तेमाल किया जा रहा है और काउंटिंग कल 3 दिसंबर को होगी.

24 नगर परिषदों और नगर पंचायतों के लिए आज वोट नहीं डाले जा सकेंगे. इन निकायों के लिए चुनाव नामांकन पत्रों की जांच के बाद चुनाव अधिकारियों के फैसलों के खिलाफ दायर न्यायिक अपीलों की वजह से चुनाव 20 दिसंबर तक स्थगित कर दिए गए हैं.

कई प्रत्याशियों की निर्विरोध जीत

इसी तरह 264 निकायों में से 76 नगर परिषदों या नगर पंचायतों की 154 सीटों पर भी कानूनी वजहों से वोट नहीं डाले जा सकेंगे. इस सीटों पर 20 दिसंबर को वोट डाले जाएंगे. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद राज्य चुनाव आयोग ने पिछले महीने 4 नवंबर को 246 नगर परिषदों और 42 नगर पंचायतों में 2 दिसंबर को चुनाव कराने का ऐलान किया था.

भारतीय जनता पार्टी ने 100 सदस्यों और 3 अध्यक्ष पद पर निर्विरोध जीत हासिल की है. ये निकाय चुनाव सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के तहत कराए जा रहे हैं, और 31 जनवरी, 2026 तक इस खत्म कराया जाना है. 29 नगर निगमों, 32 जिला परिषदों और 336 पंचायत समितियों के चुनाव कार्यक्रम अभी घोषित नहीं हुए हैं.

इससे पहले पिछले साल नवंबर के विधानसभा चुनावों में बीजेपी की अगुवाई वाली महायुति ने 288 में से 235 सीटों पर जीत हासिल की थी और सत्ता में वापसी की थी. राजनीतिक पर्यवेक्षकों का कहना है कि स्थानीय निकाय के चुनाव परिणाम यह बताएंगे कि पिछले सालभर में राज्य में महायुति सरकार का प्रदर्शन कैसा रहा था.

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