PoK में हिंसक प्रदर्शन: कई जिलों में झड़प, 2 की मौत; बाग जिले में पुलिसकर्मी अगवा

पाकिस्तान-अधिकृत कश्मीर (PoK) में लोग सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं. यह प्रदर्शन इतना अब उग्र हो गया है कि पूरे इलाके में इंटरनेट सेवा ठप हो चुका है. हालात लगातार बिगड़ते जा रहे हैं. कई जिलों में भीड़ और पुलिस के बीच हिंसक झड़पें हुईं. विरोध प्रदर्शन के दौरान 2 प्रदर्शनकारियों की मौत से लोगों का गुस्सा और भी भड़क गया है.
इस बीच खबर है कि लोगों ने 164 पंजाब पुलिस के अधिकारियों को बंधक बना लिया है. वहीं पाकिस्तानी सुरक्षाबल प्रदर्शनकारियों को रोकने की कोशिश में जुटे हुए हैं, बावजूद इसके लोगों का विरोध थमने का नाम नहीं ले रहे है. लोग सड़कों पर उतर कर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.
पाकिस्तानी प्रशासन से नाराजगी
PoK में हो रहे ये विरोध प्रदर्शन दिखाते हैं कि वहां की जनता राजनीतिक दमन, आर्थिक शोषण और पाकिस्तानी प्रशासन की जबरदस्ती से बेहद नाराज़ है. हालात तेजी से नियंत्रण से बाहर जाते दिख रहे हैं. PoK में यह विरोध प्रदर्शन शुरुआत आटे की कीमत को लेकर हुआ जिसने बाद में विद्रोह का रूप अख्तियार कर लिया. खबर है कि कश्मीर संयुक्त नागरिक कमेटी ने 38 मांगों की एक लिस्ट सरकार को सौंपी है. इनमें प्रवासियों के लिए आरक्षित विधानसभा की 12 सीटों को समाप्त करना, पीओके शासन के प्रमुख लोगों का भत्ता और वीआईपी कल्चर खत्म करना प्रमुख है.
क्यो हो रहा प्रदर्शन
यह विरोध प्रदर्शन 2 साल पहले इलाके में आटे, बिजली की नियमित सप्लाई सुनिश्चित करने के लिए शुरू किया गया था, हालांकि अब इसमें कश्मीर के उच्च वर्ग के लोगों को मिले विशेष अधिकार में कटौती, विधानसभा सीटों में आरक्षण खत्म करना और लोगों के लिए मुफ्त स्वास्थ्य-शिक्षा की सुविधा शामिल हो गई है. हड़ताल सिविल सोसाइटी के मुख्य समूह जम्मू-कश्मीर संयुक्त आवामी एक्शन कमेटी (JKJAC) का आरोप है कि सरकार पिछले 2 साल पहले हुए समझौते को पूरा नहीं कर पाई इसलिए यह विरोध प्रदर्शन किया जा रहा है.
PoK में लोग सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे हैं क्योंकि उनकी मांगें पूरी नहीं की गई हैं, जिनमें बिजली दरों में कमी, स्थानीय लोगों को हाइड्रोपावर परियोजनाओं से हिस्सेदारी, भ्रष्टाचार पर लगाम और आरक्षित सीटों को हटाना शामिल है. प्रदर्शनकारियों की एक मांग जल विद्युत परियोजना को लेकर भी है. इनका कहना है कि इसकी रॉयल्टी सरकार की तरफ से नहीं दी जाती है, जो गलत है. इसकी तुरंत व्यवस्था की जाए. वहीं सरकार ने इन मांगों को पूरा करने में असमर्थता जता दी है. संयुक्त अवामी एक्शन कमेटी (AAC) इस आंदोलन का नेतृत्व कर रही है.
ताज़ा घटनाक्रम इस प्रकार हैं:
कोटली / दादयाल * जम्मू-कश्मीर अवामी एक्शन कमेटी (JKAAC) के काफिले रावलाकोट और मीरपुर से दादयाल पहुंचे. * स्थानीय प्रशासन ने पालक ब्रिज, दादयाल पर कंटेनर रखकर रास्ता रोकने की कोशिश की. * प्रदर्शनकारियों ने रुकावटें हटाकर मुजफ्फराबाद की ओर मार्च जारी रखा.
मुज़फ़्फ़राबाद * लाल चौक पर हिंसक झड़पें हुईं. * पाकिस्तानी पुलिस ने गोलियां चलाईं, जिसमें दो लोगों की मौत और कई घायल हुए. * JKAAC नेताओं ने तुरंत मोबाइल सेवाएं बहाल करने की मांग की और चेतावनी दी कि अगर ऐसा नहीं हुआ तो वे संचार टावर गिरा देंगे.
रावलाकोट * यहां बड़ी जनसभा हुई, जिसमें लोग कश्मीर और उसके प्राकृतिक संसाधनों पर हक की मांग कर रहे थे. * रावलाकोट कभी ISI के आतंकवादी गतिविधियों का गढ़ माना जाता था, वहीं अब लोग खुलेआम पाकिस्तान सरकार की नीतियों के खिलाफ उतर आए हैं।
बाग * बाग जिले में हिंसक झड़पें हुईं. * रिपोर्ट्स के मुताबिक, स्थानीय लोगों ने पंजाब पुलिस के कई जवानों को पकड़ लिया है.
1 अक्टूबर की तैयारी * JKAAC नेताओं ने सभी जिलों से लोगों को 1 अक्टूबर को मुज़फ़्फ़राबाद की ओर कूच करने का आह्वान किया है. इससे हालात के और बिगड़ने और बड़े टकराव की आशंका जताई जा रही है.