हरियाणा

रहस्मय बीमारी से एक ही परिवार के 3 बच्चों की मौत व एक की हालत अभी गंभीर होने से ग्रामीण खौफजदा

ग्रामीणों का आरोप है कि गांव में 3 बच्चों की मौत व दो की हालत गंभीर होने के बावजूद स्वास्थ्य विभाग लम्बी तानकर सोया बैठा हैं

न्यूज़ डेस्क हरियाणा । नूंह । सुरेन्द्र दुआ । जिला के गांव चाहलका में रहस्मय बीमारी से एक ही परिवार के 3 बच्चों की मौत व एक की हालत अभी गंभीर होने से परिवार व ग्रामवासी खौफजदा हैं। घटना के बाद स्थानीय स्वास्थ्य विभाग हरकत में आ गया हैं। स्वास्थ्य टीमें गांव में रहस्मय बीमारी के जांच नमूने एकत्रित कर बीमारी की रोकथाम में लगे हैं।
प्राप्त जानकारी के अनुसार गांव चाहलका के नम्बरदार इकबाल, आबिद हुसैन ठेकेदार, हसन मोहम्मद, जाकिर हुसैन, सरदार, फज्जर, इब्राहिम,पप्पू, साहिद, इसलाम, इब्राहिम नम्बरदार, खालिद हुसैन, निसार मोहम्मद, समीम, इलियास व सलामू आदि ने बताया कि गांव में रहस्मय बीमारी से ग्रामीण साहून के घर में 19 अक्टूबर की शाम उनके चार वर्षीय बेटे अदनान को उल्टी की शिकायत होने पर एक निजी अस्पताल में ले जाया गया, वहां उसकी गंभीर हालत को देखते हुए भिवाड़ी रेफर कर दिया। उसके बाद उसे भिवाड़ी से अलवर ले गए तो वहां अगले दिन अदनान ने दम तोड़ दिया। जब वह अपने बच्चे के शव को लेकर गांव पहुंचे इसी दौरान उनकी सात वर्षीय बेटी अलीशा को भी सही शिकायत हुई और उसने भी नल्हड़ मेडिकल कॉलेज में दम तोड दिया, तीसरे दिन उनके भतीजे नाजिश (4 वर्ष) पुत्र साहिल को भी उल्टियां होने लगी। जिसे भिवाड़ी के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया जहां उपचार के दौरान उसने भी दम तोड़ दिया। जबकि उल्टी की समस्या को लेकर उनका भतीजा दानिश (चार वर्ष) फरीदाबाद के निजी अस्पताल में वेंटिलेटर पर अंतिम सांसें गिन रहा है। गांव में एक साथ एक ही परिवार में तीन मासूम बच्चों की मौत होने से हडक़ंप मचा हुआ है। इसी तरह, गांव में बीमारी का हर घर में कहर बरप रहा है। ग्रामीणों का आरोप है कि गांव में 3 बच्चों की मौत व दो की हालत गंभीर होने के बावजूद स्वास्थ्य विभाग लम्बी तानकर सोया बैठा हैं।
इस बारे में कार्यवाहक एसएमओ डा0 देवेन्द्र सौलंकी ने गुरूवार सांय माना कि गांव चाहलका में दो बच्चों की मौत व दो का नल्हड मेडिकल कॉलेज में इलाज चल रहा हैं और साथ ही कहा कि स्वास्थ्य विभाग की टीम गांव में नमूने लेने व जांच पड़ताल करने में लगी हुई हैं। उन्होंने बताया कि जांच से पूर्व बीमारी के बारे में कुछ नहीं बताया जा सकता।

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