उत्तर प्रदेश

Vehicle Act: व्हीकल एक्ट में सख्ती से भड़के ड्राइवर, सड़कों पर भारी वाहनों का चक्का जाम, ट्रांसपोर्टिंग ठप

Vehicle Act: नए व्हीकल एक्ट को लेकर देशभर में ड्राइवरों का भारी आक्रोश देखेने को मिल रहा है. उत्तर प्रदेश में भी संशोधित मोटर व्हीकल एक्ट के विरोध में वाहन चालक उतर गए हैं. ट्रक, डीसीएम, कैंटर, टैंकर, सरकारी और प्राइवेट बस चालक लामबंद हो गए हैं. नए साल के पहले दिन से चालकों ने राजधानी लखनऊ समेत कई शहर में वाहनों का चक्का जाम कर दिया है. इससे गैस, डीजल- पेट्रोल, और खाद्य सामग्री की ट्रांसपोर्टिंग ठप्प हो गया है.

लखनऊ, आगरा, सहारनपुर, बागपत, मुजफ्फरनगर, शामली, गजरोला, हापुड, गाजियाबाद, नोएडा, बुलंदशहर अलीगढ़, हाथरस, मथुरा के लिए पेट्रोल-डीजल की आपूर्ति नहीं हो सकी.

इसी तरह एचपीसी, इंडेन और भारत गैस की लगभग 80 गैस एजेंसियों पर प्रतिदिन पहुंचने वाले 28 हजार से अधिक घरेलू और कामर्शियल सिलिंडर भी नहीं पहुंच सके. हड़ताल के चलते सरकारी और प्राइवेट बसें अड्डे पर ही खड़ी रहीं. इससे यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ा.

मेरठ के ट्रांसपोर्टर भी हड़ताल में शामिल हो गए हैं. माल की बुकिंग बंद कर दी. चालकों की हड़ताल रहने तक वाहनों की बुकिंग न करने का निर्णय लिया. ट्रकों की हड़ताल से मेरठ से दूसरे प्रदेशों को जाने वाला स्पोर्टस का सामान, कैंची, कपड़ा, दवाइयां, लकड़ी, ट्रांसफार्मर, कैमिकल, खाद्य सामान, लोहा, आदि सामान की सप्लाई ठप हो गई. मेरठ से लगभग 12 हजार छोटे व बड़े ट्रकों से सामान की सप्लाई दूसरे स्थानों पर होती है.

बता दें कि संशोधित मोटर व्हीकल एक्ट के तहत अगर किसी वाहन चालक से सड़क दुर्घटना में किसी की मौत हो जाती है तो चालक को 10 साल का कारावास और 7 लाख रुपए का दंड देना पड़ेगा. चालकों का कहना है कि ऐसी स्थिति में गाड़ी चलाना मुमकिन नहीं होगा. यह कानून कॉमर्शियल ही नहीं बल्कि निजी वाहन चालकों पर भी लागू होगा. चालकों ने कहा कि किसी भी कीमत पर इस काले कानून को माना नहीं जाएगा.

Related Articles

Back to top button