हरियाणा

UPSC ने DGP चयन से पहले मांगी अहम रिपोर्ट, वाई पूरण सुसाइड केस से जुड़ाव की जांच

चंडीगढ़: हरियाणा के नए पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) की नियुक्ति के लिए तीन आईपीएस अधिकारियों के पैनल के चयन से पहले संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने राज्य सरकार से वाई पूरण सुसाइड मामले की जानकारी मांगी है।

यूपीएससी ने चंडीगढ़ में दर्ज एफआईआर की मौजूदा स्थिति के बारे में पूछा है। इसके अलावा, यूपीएससी ने पूर्व डीजीपी कपूर के वेतनमान व 1991 बैच के आईपीएस अधिकारी एसके जैन का पूरा सेवा रिकॉर्ड भी मांगा है।

राज्य सरकार ने यूपीएससी की ओर से पूछे गए इन सभी सवालों का जवाब मंगलवार शाम को भेज दिया है। सूत्रों के मुताबिक एफआईआर के बारे में राज्य सरकार की ओर से बताया गया है कि इस मामले की जांच जारी है और अभी तक चंडीगढ़ पुलिस ने इस मामले में चार्जशीट दायर नहीं की है।

राज्य सरकार ने 16 दिसंबर को डीजीपी के चयन के लिए यूपीएससी को पांच अधिकारियों का एक पैनल भेजा था। जिसमें 1990 बैच के शत्रुजीत कपूर, 1991 बैच के एसके जैन, 1992 बैच के अजय सिंघल, आलोक मित्तल और अशिंदर चावला (दोनों 1993 बैच) के नाम शामिल हैं।

बता दे कि इससे पूर्व 9 दिसंबर को पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) की नियुक्ति के लिए हरियाणा सरकार की तरफ से भेजे गए पहले पैनल को संघ लोकसेवा आयोग (यूपीएससी) ने वापस भेज दिया था। यूपीएससी ने आपत्ति जताते हुए लिखा है कि राज्य सरकार को खाली पद की पूर्व-अनुमानित स्थिति में प्रस्ताव भेजना चाहिए था। राज्य में डीजीपी का पद तो खाली ही नहीं है।

इसके बाद राज्य सरकार की ओर से वरिष्ठ आईपीएस वाई पूरण कुमार के आत्महत्या मामले में छुट्टी पर भेजे गए शत्रुजीत कपूर को पुलिस महानिदेशक पद से रिलीव करने के साथ उन्हें हरियाणा पुलिस हाउसिंग कॉरपोरेशन का चेयरमैन बने रहने का आदेश जारी किया। इसके अतिरिक्त 1992 बैच के आईपीएस ओपी सिंह आगामी आदेशों तक अपने कर्तव्यों के साथ कार्यवाहक डीजीपी बने रहने का आदेश जारी किया गया था। इसके बाद पुलिस महानिदेशक का पद रिक्त होने पर सरकार की ओर से दोबारा से यूपीएससी को डीजीपी के नाम के लिए पैनल भेजा गया है

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