फरीदाबाद में राष्ट्रीय लोक अदालत में 69987 केसों का किया निपटारा
फरीदाबाद, (ब्यूरो): हरियाणा राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के एक्जीक्यूटिव चेयरमैन एवं न्यायमूर्ति पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट चंडीगढ़ लिसा गिल के दिशा निर्देशानुसार हरियाणा प्रांत में प्रत्येक जिले के अंदर राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया! इसी क्रम में जिला फरीदाबाद के सत्र न्यायाधीश एवं चेयरमैन जिला विधिक सेवा प्राधिकरण संदीप गर्ग की अध्यक्षता एवं निर्देशानुसार, रितु यादव मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी एवं सचिव जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की देखरेख, में आज जिला अदालत सेक्टर 12, फरीदाबाद में राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया गया! इस लोक अदालत में 17 बेंच लगाए गए जिनमें सुरेंद्र कुमार अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश, संदीप यादव अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश, अजय शर्मा अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश, सौरभ गोसाई प्रिंसिपल जज फैमिली कोर्ट, उपेंद्र सिंह मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी, प्रमोद कुमार जुडिशल मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी, अमितेंद्र सिंह जुडिशल मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी, निधि जुडिशल मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी, दीपक यादव जुडिशल मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी, नवीन कुमार जुडिशल मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी, सिद्धार्थ कपूर जुडिशल मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी, प्रेरणा आर्य न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी, कोमल दहिया न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी, रमणीक कौर न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी, उदिता न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी, हिमानी सागर न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी, सौरभ शर्मा न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी की बेंच बनाई गई जिनमें 89377,केस रखे गए जिनमें से कुल 69987 केसों का निपटारा/ आपसी सहमति से लोक अदालत द्वारा किया गया जिनमें मोटर वाइकल दुर्घटना 58,छोटे-मोटे अपराधिक मामले 3340, चेक बाउंस 357, बिजली से संबंधित 687, समरी चालान 61892, वैवाहिक संबंधित 121,दीवानी 223, बैंक रिकवरी 1359, रेवेन्यू 1931, लेबर डिस्प्यूट 19 का निपटारा आपसी सहमति से किया गया और सभी व्यक्ति अपने अपने कैस के फैसले से संतुष्ट होते हुए खुशी-खुशी अपने घर गए। रितु यादव ने बताया कि आज की लोक अदालत में लोगों का ट्रैफिक केसों को लेकर लोगों का रुझान रहा यानी की इस लोक अदालत में अधिक से अधिक ट्रैफिक चालान से संबंधित केसों का निपटारा किया गया इस अवसर पर न्यायिक दंडाधिकारी ने कहा कि लोक अदालत में फैसला होने पर जिसकी सुप्रीम कोर्ट तक कोई अपील नहीं होती कोर्ट फीस वापस हो जाती है तथा केस का फैसला हमेशा हमेशा के लिए हो जाता है जिससे पैसे व समय की बचत होती है तथा आपस में प्यार भाव बना रहता है।




