उत्तराखंड

देहरादून में त्रिपुरा के युवक की हत्या, भाई ने बताया घटना का पूरा सच: पहले गाली, फिर चाकू

उत्तराखंड के देहरादून में त्रिपुरा के एक युवक के साथ आरोपियों ने मारपीट की थी. उसे चाइनीज कहकर चिढ़ाया, फिर गालियां दीं और चाकू से गोद दिया था. 14 दिन जिंदगी और मौत से जूझने के बाद एंजेल चकमा की मौत हो गई. इस दौरान उसके साथ उसका भाई माइकल चकमा भी मौजूद था. अब भाई ने पुलिस और युवक के दोस्तों को बताया कि घटना की रोज क्या-क्या हुआ था.

एंजेल चकमा के भाई ने बताया कि कैसे आरोपियों ने मृतक एंजेल चकमा के साथ बदसलूकी की, जबकि एंजेल उन्हें शांत तरीके से समझा रहा था और फिर उसे इतने चाकू मारे कि बाद में उसकी मौत हो गई. ये घटना 9 दिसंबर को घटी, जब एंजेल अपने भाई माइकल के साथ देहरादून के सेलाकुई इलाके में बाजार गए थे. वह किराने का सामान खरीद रहे थे कि आरोपियों ने उन्हें देखा और चाइनीज कहकर चिढ़ाने लगे.

भाई ने पुलिस को क्या बताया?

टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक माइकल ने पुलिस और दोस्तों को बताया कि कैसे उसके भाई ने आराम से उन्हें समझाया कि ऐसा न कहें. भाई ने अपनी पहचान बताई और उनसे कहा कि हम भारतीय हैं. ये साबित करने के लिए हमें कौन सा सर्टिफिकेट दिखाना चाहिए…, लेकिन एंजेल का समझाना आरोपियों को इतना बुरा लगा कि उन्होंने इसका जवाब चाकू से जवाब दिया.

इसके अलावा एंजेल के एक दोस्त, जो दो हफ्तों तक अस्पताल में उसके साथ रहा. उसने बताया कि एंजेल ने उन्हें समझाया, उन्होंने गालियां देनी शुरू कर दी और भाई पर हमला कर दिया. उन्होंने एंजेल पर चाकू से वार किए. इससे वह गंभीर रूप से घायल हो गया. इस घटना में एंजेल की गर्दन और रीढ़ की हड्डी में गंभीर चोटें आईं. यही नहीं माइकल भी इस दौरान घायल हो गया. एंजेल के दोस्त ने ये भी कहा कि वह बहुत शांत स्वभाव का लड़का था, जो कुछ हुआ उससे हम सब टूट गए हैं.

प्रद्योत बिक्रम माणिक्य देबबर्मा का बयान

इस घटना के बाद त्रिपुरा में आक्रोश फैलने के बीच शनिवार को एंजेल का शव अगरतला ले जाया गया. उनके परिवार को तिप्रा मोथा पार्टी के अध्यक्ष और त्रिपुरा के पूर्व राजपरिवार के सदस्य प्रद्योत बिक्रम माणिक्य देबबर्मा की काफी मदद मिली. वह घटना वाले दिन से ही परिवार के संपर्क में थे और एंजेल के इलाज में मदद कर रहे थे.

शनिवार को उन्होंने कहा, “यह दुखद है कि पूर्वोत्तर के देशभक्त लोगों को चीनी कहकर उन पर हमला किया जाता है. नस्लवादी गालियां देने वाले यह भूल जाते हैं कि पूर्वोत्तर के बहादुर लोगों की वजह से ही चीन देश में प्रवेश नहीं कर सकता. ये घटनाएं सिर्फ परिवारों को ही चोट नहीं पहुंचातीं, बल्कि हमारे लोगों को बांटती हैं और जब हम बंट जाते हैं, तो हम असुरक्षित हो जाते हैं. हम ऐसा नहीं चाहते. हम न्याय चाहते हैं.”

इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि पूर्वोत्तर के लोगों को उत्तर भारत में अक्सर ऐसे नफरत भरे हमलों का सामना करना पड़ता है, लेकिन जब उत्तर भारतीय राज्यों के छात्र पूर्वोत्तर के केंद्रीय संस्थानों में आते हैं तो उनका स्वागत देशवासियों की तरह किया जाता है. हमने नफरत के कारण हुए इस अपराध में एक निर्दोष को खो दिया.”

मुख्य आरोपी नेपाल भाग गया

इस मामले में अब तक 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जबकि मुख्य आरोपी यज्ञ अवस्थी अभी फरार है. बताया जा रहा है कि वह नेपाल भाग गया है और नेपाल का ही रहने वाला है. आरोपी की गिरफ्तारी पर 25 हजार रुपये का इनाम रखा गया है और उसकी तलाश के लिए पुलिस की दो टीमें लगाई गई हैं. एंजेल की मौत के बाद पुलिस ने केस में और कड़ी धाराएं जोड़ दी हैं. अब यह मामला भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 103(1) यानी हत्या और धारा 3(5) यानी सामूहिक आपराधिक मंशा के तहत दर्ज किया गया है.

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